26 Apr 2024, 20:54:33 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन बरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 2 2017 7:39PM | Updated Date: Feb 2 2017 7:39PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन और कलानिधि मारन को सीबीआई कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस केस में बरी कर दिया है। कोर्ट को दोनों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलने के चलते विशेष अदालत ने मारन बंधुओं को बरी कर दिया। एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई थी। मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही थी।

क्या थे आरोप?
दयानिधि मारन पर आरोप थे कि उन्होंने मोबाइल कंपनी एयरसेल के प्रोमोटर पर अपनी हिस्सेदारी मलेशिया की मैक्सिस को बेचने का दबाव डाला। साथ ही इस सौदे के होने के बाद ही एयरसेल को स्पेक्ट्रम मिला। इसके बदले मैक्सिस के कलानिधि मारन की सन टीवी में निवेश किए जाने के आरोप थे। साल 2006 में चेन्नई के टेलिकॉम प्रमोटर सी. शिवशंकर पर एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी मलेशिया की कंपनी मैक्सिस को बेचने का दबाव बनाया था। हालांकि दयानिधि ने इन आरोपों का सिरे से खंडन किया था और दावा किया था कि अक्टूबर 2005 में ही एयरसेल और मैक्सिस के बीच समझौता हो चुका था। लिहाजा साल 2006 में हिस्सेदारी बेचने का दबाव बनाने का आरोप गलत है।
 
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन सहित 8 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और इनके ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की भी जांच चल रही थी. मैक्सिस मलेशियाई कंपनी है जिसका स्वामित्व मलेशियाई कारोबारी टी आनंद कृष्णन के पास है। मैक्सिस ने 2006 में एयरसेल की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इस विवाद के चलते ही दयानिधि मारन को दूरसंचार मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

2014 से चल रहा था मामला
सीबीआई ने 29 अगस्त 2014 को पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन, मैक्सिस के मालिक टी आनंद कृष्णन, मैक्सिस ग्रुप के वरिष्ठ कार्यकारी राल्फ मार्शल और सन डायरेक्ट समेत 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी को आरोप तय करने और मारन बंधुओं तथा अन्य की जमानत याचिकाओं पर 24 जनवरी को फैसला सुनाना था लेकिन उन्होंने यह यह तैयार नहीं होने के कारण इसे दो फरवरी तक के लिए टाल दिया था।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »