मुंबई। टाटा संस के निष्कासित अध्यक्ष साइरस मिस्त्री ने सोमवार को समूह की सभी कंपनियों से इस्तीफा देते हुए कहा कि अब वह यह लड़ाई बोर्डरूम की बजाय कोर्टरूम में लड़ेंगे।
मिस्त्री और टाटा समूह के बीच दो महीने से जारी कॉर्पोरेट वॉर के बीच पिछले सप्ताह 12 दिसंबर तथा 14 दिसंबर को टीसीएस और टाटा की आम बैठक में मिस्त्री को इन कंपनियों के निदेशक/अध्यक्ष के पदों से हटा दिया गया था।
मंगलवार को इंडियन होटल्स तथा 26 दिसंबर तक टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा केमिकल्स की भी विशेष आम बैठकें बुलाई गई थीं जिनका एजेंडा मिस्त्री को निदेशक और अध्यक्ष के पदों से हटाना था।
मिस्त्री ने आज एक बयान जारी कर समूह की सभी कंपनियों से इस्तीफे की घोषणा की तथा कहा, इस मसले को उसके तर्कसंगत परिणाम तक पहुंचाने का समय आ गया है। मैं अपनी अंतिम सांस तक टाटा समूह की हितरक्षा तथा समूह के संस्थापक जमशेतजी टाटा के सपनों को पूरा करने के लिए काम करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में उनका ध्यान टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के संबंधों को निशाना बनाना होगा। टाटा संस में टाटा समूह की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है तथा 24 अक्टूबर को मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटाने में टाटा ट्रस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्हें हटाने के बाद टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा को अस्थाई तौर पर समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
टाटा समूह के सूत्रों ने मिस्त्री के इस्तीफे की पुष्टि की तथा कहा कि कंपनी जल्द ही एक औपचारिक बयान जारी करेगी। इंडियन होटल्स, टाटा स्टील तथा टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों बीएसई तथा एनएसई को उनके निदेशक मंडलों से श्री मिस्त्री के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे की औपचारिक जानकारी दे दी है।