नई दिल्ली। भारत की मारीशस के साथ संशोधित कर संधि द्विपीय देश की साख के लिए अच्छी नहीं है। साथ ही इससे मारीशस, भारत में निवेश के लिए कम आकर्षक मंच होगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यह कहा।
हालांकि मारीशस को जो ऐतिहासिक लाभ था, उसे वह गंवाएगा, लेकिन प्रतिस्पर्धी लाभ बना रहेगा क्योंकि भारत में निवेश के लिए एक और प्रमुख वित्तीय केंद्र सिंगापुर के साथ भी इसी प्रकार का पूंजी लाभ से जुड़ा प्रावधान लागू होने की संभावना है।
भारत ने 10 मई को तीन दशक पुराने दोहरा कर बचाव समझौते के संशोधित रूप पर हस्ताक्षर किये। इसके जरिये मारीशस के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को लंबे समय से पूंजी लाभ कर के भुगतान से जो छूट मिली हुई थी, उसे हटाया गया।
मूडीज ने ‘क्रेडिट आउटलुक रिपोर्ट’ में कहा, संशोधित कर समझौता मारीशस के लिये नकारात्मक साख वाला है क्योंकि इससे यह भारत में निवेश के लिये कम आकर्षक जरिया होगा।