मुंबई। हिंदुस्तान के कई प्रमुख बैंकों की मुख्य अधिकारी महिलाएं हैं। देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई को ही लें लो, वर्तमान में अरुंधती भट्टाचार्य बैंक की चेयर पर्सन हैं। दूसरी तरफ भारतीय महिला बैंक की चेयर पर्सन भी एक महिला उषा अनन्यसुब्रमन्यम है जिनको पिछले 21 वर्षों का बैंकिंग क्षेत्र का अनुभव है। तीसरी महिला चन्द्रा कोचर हैं जो आई सी आई सी आई बैंक की मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण सम्मान भी मिला है।
चौथी महिला शिखा शर्मा है जो एक्सिस बैंक की सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इन्हें भी 35 वर्षों का बैंकिंग और फायनांस का अच्छा अनुभव है। उधर चंद्रा कोचर ने अपना करियर 1984 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर शुरु किया था। इसी तरह उषा अनन्यसुब्रमन्यम को महिला बैंक की इस्टेबलिशमेंट के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा बनाई गई कोर मैनेजमेंट टीम का लीडर नियुक्त किया गया। उषा जी ने 1982 में एक स्पेशलिस्ट आॅफिसर की तरह बैंक ऑफ बड़ोदा ज्वाईन किया था। आज बैंकिंग क्षेत्र में कई महिलाएं ब्रांच मेनेजर हैं। भारत में मेनेजमेंट क्षेत्र में 6 प्रतिशत महिलाओं का समावेश है। लेकिन सीए और एमबीए करनेवाली महिलाओं की तादाद वर्तमान में काफी बढ़ रही है।
एफएमजीसी सेक्टर के अतिरिक्त लॉ, फार्मा में कई महिलाएं कार्यरत हैं। आईटी सेक्टर में भी महिला अधिकारियों की तादाद बढ़ रही है। एक प्रचलित अखबार में देश भर की प्रमुख महिला सीईओ कंपनी फाउंडर और चेयरमेन, एमडी का जिक्र किया है जो देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों का संचालन कर रही हैं उनमें स्वाति पीरामल वाईस चेयर मैन पीरामल इंटरप्राइजेज , कल्पना मोरपरिया, सीईओ जेपी मोरगन इंडिया और अंजली बंसल एमडी स्पेंसर ट्रस्ट का समावेश है।