मगरलोड। बीमार किसान को अपने ही पसीने की कमाई को लेने के लिए खाट में लेटकर बैंक पहुंचना पड़ा। तब कहीं जाकर उसे समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का मूल्य उसके बैंक खाते से मिल पाया। गुरुवार को जिला सहकारी मर्यादित बैक शाखा मगरलोड में एक बैंककर्मी की हठधर्मिता के चलते मानवता शर्मसार हो गई। जिला सहकारी मर्यादित बैंक शाखा मगरलोड में किसानों के धान का समर्थन मूल्य की राशि भुगतान के लिए प्राथमिक शाख सहकारी समिति मेघा के लिए बुधवार का दिन निश्चित किया गया है। ग्राम मेघा निवासी रामबाई ने अपने पति गुहाराम साहू के दुर्घटना में घायल होने के बाद चलने फिरने में असमर्थ बताकर बैंक पहुंची थी।
वह भुगतान के लिए नामिनी के रूप में ग्राम पंचायत से पहचान पत्र, जिला अस्पाल से अपने पति की इलाज की पर्ची व भुगतान लेने का अधिकार पत्र लेकर आई थी। डेढ़ एकड़ रकबे का धान समर्थन मूल्य में गुहाराम ने सोसाइटी में बेचा था।उसी का भुगतान बैंक खाते से निकालने उसकी पत्नी बैंक आई थी। बैंक के एक कर्मचारी ने पत्नी को भुगतान करने मना कर दिया। काफी मिन्नते करने के बाद भी कर्मचारी नहीं माना। इसलिए रामबाई को मायूस होकर बिना भुगतान प्राप्त करे ही लौटना पड़ा।