रायपुर। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ लगातार तरक्की की राह पर है। राज्य ने सोलह हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है। इसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बिजली घरों का योगदान शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य गठन के समय वर्ष 2,000 में छत्तीसगढ़ में बिजली की कुल मांग 900 मेगावाट थी, जो पिछले साल 2014 में बढ़कर 3,550 मेगावाट हो गई। इस अवधि में बिजली उपभोक्ताओं की कुल संख्या 18 लाख 91 हजार से बढ़कर 41 लाख तक पहुंच गई।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने बताया कि दिसम्बर 2013 से 2014 तक एक वर्ष की अवधि में छत्तीसगढ़ में बिजली के उत्पादन में 34 प्रतिशत वृद्घि दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014-15 में 30 नवम्बर 2014 की स्थिति में छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन के मामले में स्टेट सेक्टर के अंतर्गत देश में दूसरे स्थान पर रहा है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह छठवें स्थान पर था।
सिंह ने बताया कि विगत एक वर्ष में केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम दक्षिण पूर्व कोयला क्षेत्र लिमिटेड (एस.ई.सी.एल.) द्वारा ईंधन आपूर्ति समझौते के तहत निर्धारित कोटे के अनुसार शत-प्रतिशत कोयले की पूर्ति की गई, जबकि इसके पूर्व वर्ष में 80 प्रतिशत कोयला प्राप्त किया गया था।