भारत में लाखों उम्मीदवार हर साल आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन उनमें से करीब एक हजार उम्मीदवार ही अपना यह सपना पूरा कर पाते हैं। दरअसल, आईएएस बनने के लिए भारत की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है। इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए लाखों उम्मीदवार कोचिंग का भी सहारा लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर छात्र कई प्रयासों के बावजूद यह परीक्षा क्रैक नहीं कर पाते। हालांकि, बहुत से छात्र ऐसे भी होते हैं, जो एक बार ही नहीं बल्कि दो से तीन बार इस परीक्षा में सफलता हासिल कर चुके हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार आईएएस रवि सिहाग के बारे में बताएंगे, जिन्होंने एक भारत की सिविल सेवा परीक्षा में 3 बार सफलता हासिल की हैं और वह अपने बैच के हिंदी मीडियम टॉपर भी रह चुके हैं।
दरअसल, रवि सिहाग मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने साल 2021 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की थी। वह अपने बैच के हिंदी मीडियम टॉपर भी थे। बता दें कि साल 2021 से पहले भी वह दो बार सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके हैं। जहां, साल 2018 में उनकी 337वीं रैंक और 2019 में 317वीं रैंक आई थी, जिसके बाद उन्हें क्रमश: भारतीय रक्षा लेखा सेवा (IDAS) और भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) सौंपा गया था।
हालांकि, रवि सिहाग एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देख रहे थे, इसलिए उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया। लेकिन वह अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा भी क्लियर नहीं कर पाए, पर उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2021 में अपने चौथे प्रयास में, उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल कर आईएएस का पद प्राप्त कर ही लिया।
राजस्थान में जन्मे आईएएस अधिकारी रवि सिहाग एक साधारण से परिवार से आते हैं। रवि के पिता एक किसान हैं। रवि मूल रूप से श्री गंगानगर जिले का रहने वाले हैं। आईएएस अधिकारी रवि सिहाग यूपीएससी के तैयारी करने से पहले, ग्रेजुएशन होने तक खेतों में अपने पिता की सहायता करते थे। बता दें कि रवि सिहाग ने अनूपगढ़ के शारदा कॉलेज से बी।ए। की पढ़ाई पूरी की थी।