नई दिल्ली। समावेशी परियोजना के लिए भारत में नवाचार के वास्ते विश्व बैंक भारत को 12.5 करोड़ डॉलर का ऋण देगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस संबंध में विश्व बैंक के साथ एक करार किया गया है। इस करार पर भारत की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से विश्व बैंक (भारत) के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर हिशम अब्दो ने हस्ताक्षर किए हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य समावेशी विकास के साथ-साथ भारत में प्रतिस्पर्धी क्षमता को भी बढ़ाने के उद्देश्य से किफायती एवं अभिनव स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के सृजन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना, स्थानीय उत्पादों के विकास को प्रोत्साहित करना और कौशल एवं बुनियादी सुविधाओं में महत्वपूर्ण खाई को पाटकर वाणिज्यीकरण प्रक्रिया में तेजी लाना है।
इसके तहत सार्वजनिक, निजी और शैक्षणिक संस्थानों के समूह (कंसोर्टियम) को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि उन अहम बाजार विफलताओं से पार पाया जा सके जो फिलहाल भारत में एक अभिनव जैव-फार्मास्यूटिकल एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग के विकास को अवरुद्ध कर रही हैं। यह परियोजना 30 जून 2023 को समाप्त होगी।