मुंबई। बाबा रामदेव की अगुवार्इ वाली पतंजली जीएसटी की ऊंची दरों से नाखुश है। पतंजलि कंपनी ने मोदी सरकार पर निशान साधते हुए पूछा की, बेहतर स्वास्थ अधिकार के बिना लोग कैसे अच्छे दिन को महसुस कर सकेगें। पतंजलि कंपनी का कहना है कि आयुर्वेद दवाओं के जरिए आम लोगों तक सस्ती दरों पर बेहतर स्वास्थ सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है।
उघोग संगठन ऐसोसिएशन ऑफ मैनुफेक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन्स (एएमएएम) ने कहां कि एक तरफ सरकार तेजी से वैश्वीक स्तर पर आयुर्वेद दवाओं को बढ़ावा देना चाहती है, परंतु जीएसटी के तहत अधिक दरों से आयुर्वेदिक दवाएं महंगी हो जाएंगी जिससे सस्ते दर पर आयुर्वेदिक दवाएं लोगों तक पहुंचाना संभव नही।
एएमएएम संगठन का कहना है कि परंपरागत आयुर्वेदिक या जेनरिक दवांए पर शून्य एवं पेटेंटशुदा उत्पादकों के लिए 5 प्रतिशत कर होना चाहिए। परंतु वर्तमान में आयुर्वेदिक उत्पादों पर 7 प्रतिशत का कर लगता है, परंतु जीएसटी लागु होने से कर 7 प्रतिशत से बढ़कर प्रशतावित 12 प्रतिशत कर दिया गया है। पतंजली योगपीठ के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा, अयुर्वेदिक श्रेणी पर उच्च जीएसटी दर ने हमें अचंभा में डाल दिया, ये हमारे लिए दु:खद है। आयुर्वेदिक दवाएं सदियों से परखा हुआ जरिया है। आयुर्वेद आम लोगों को सस्ते दर पर इलाज सुविधा उपलब्ध्ा कराता है।