नई दिल्ली। लोकसभा ने वित्त विधेयक 2017 को कांग्रेस, वामदलों, बीजू जनता दल तथा तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के वाक आउट के बीच बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष के बजट को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है।
सदन ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लाए गए 29 संशोधन के साथ विधेयक पर मुहर लगाई। यह विधेयक अब राज्यसभा में भेजा जाएगा और फिर राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद कानून का रूप ले लेगा।
सरकार ने कुछ सदस्यों की आपत्ति के बावजूद आयकर रिर्टन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता बनाए रखी। इसके अलावा नकद लेन देन की सीमा बजट के तीन लाख रूपए के प्रस्ताच से घटाकर कर दो लाख रूपए कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कृषि पर टैक्स लगाने का अधिकार संसद के पास नहीं है यह अधिकार राज्य सरकारों के क्षेत्र में आता है और केंद्र सरकार ने ना तो कृषि पर कोई कर लगाया है और न लगाने जा रही है। हालांकि जेटली के स्पष्टीकरण के बावजूद बीजू जनता दल के सदस्यों ने कहा कि वह वित्त मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं है और वे विरोध स्वरूप सदन से वाक आउट कर गए।
सरकार के नोटबंदी के फायदे गिनाने के विरोध और देशभर के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग को लेकर कांग्रेस और वामदलों के सदस्यों ने और आधार को आयकर रिर्टन के लिए अनिर्वाय बनाने के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज सदन से वाकआउट किया।