नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने केंद्र सरकार की ओर से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) संशोधन बिल शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया, जिसके विरोध में पूरे विपक्ष ने वॉक आउट किया। अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी सभी पक्षों को फायदा पहुंचाएगा और इससे देश के विकास में मदद मिलेगी। लेकिन इससे असहमत कांग्रेस, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, राजद और जदयू के सदस्यों ने जीएसटी विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की मांग करते हुए वाॅक आउट किया।
कांग्रेस ने मांग की इस चर्चा और वोटिंग से पहले बिल को पार्लियामेंट्री कमेटी के पास बदलावों की समीक्षा के लिए भेजना चाहिए। नरेंद्र मोदी सरकार के सुधार एजेंडे के लिए जीएसटी बेहद महत्वपूर्ण है। वह इसे जल्दी ही संसद से पारित करवाना चाहती है ताकि यह अगले साल 1 अप्रैल से लागू हो सके। सरकार चाहती थी इस मुद्दे पर आज और सोमवार को चर्चा हो जाए और उसी दिन वोटिंग भी।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जीएसटी बिल का समर्थन किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि चुनावी घोषणा पत्र में जीएसटी लागू कराने का वादा किया गया था। ऐसे में इसके समर्थन में वोट करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।