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हिंडनबर्ग-अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आई याचिका हुई खारिज, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 15 2024 4:40PM | Updated Date: Jul 15 2024 4:40PM
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उच्चतम न्यायालय ने अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के संबंध में लगे आरोपों की जांच का जिम्मा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या विशेष जांच दल को सौंपने से इनकार करने के अपने तीन जनवरी के फैसले की समीक्षा का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने तीन जनवरी के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वालों में शामिल अनामिका जायसवाल की तरफ से दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया।
 
पीठ ने पांच मई के अपने आदेश में कहा, ‘‘समीक्षा याचिका पर गौर करने के बाद रिकॉर्ड में कोई त्रुटि नहीं दिखाई देती है। उच्चतम न्यायालय नियम 2013 के आदेश 47 नियम एक के तहत समीक्षा का कोई मामला नहीं बनता है। लिहाजा समीक्षा याचिका खारिज की जाती है।’’ इस याचिका पर न्यायाधीशों ने चैंबर में विचार किया। इसके पहले इस साल तीन जनवरी को शीर्ष अदालत ने शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) आरोपों की ‘व्यापक जांच’ कर रहा है और इसका आचरण ‘भरोसा जगाता है।’
 
समीक्षा याचिका में दावा किया गया था कि इस फैसले में ‘गलतियां और त्रुटियां’ थीं और याचिकाकर्ता के वकील को हासिल कुछ नई सामग्री के आलोक में फैसले की समीक्षा के लिए पर्याप्त कारण थे। याचिका में कहा गया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में न्यायालय को केवल आरोपों के बाद की गई 24 जांच की स्थिति के बारे में सूचित किया था, लेकिन उसने इनके पूरा होने या अधूरे होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि बाजार नियामक ने अडानी समूह पर लगे 24 आरोपों में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है।
 
न्यायालय का तीन जनवरी का फैसला जनवरी, 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से अडानी समूह पर लगाए गए गंभीर आरोपों के संदर्भ में आया था। हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर कीमतों में हेराफेरी सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया था। उसने कहा था कि वह सभी कानूनों और जरूरी सूचनाओं को साझा करने के प्रावधानों का अनुपालन करता है।
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