भारत में ऐसे कई बिजनेसमैन हैं जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। खास बात है कि इनमें से कुछ लोगों को विरासत में पैसा नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपने दम पर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में जाकर भी नाम कमाया और बड़ा बिजनेस साम्राज्य खड़ा किया। हम आपको एक ऐसे ही कामयाब बिजनेसमैन की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं जो कभी भारत में रहकर छोटे-मोटे काम करते थे लेकिन अब विदेश में अरबों का कारोबार कर रहे हैं।
आमतौर पर लोग विदेशों में नौकरी करने जाते हैं, खासकर दुबई समेत अन्य खाड़ी देशों में हर साल बड़ी संख्या में भारतीय रोजगार की तलाश में जाते हैं। इसी मकसद से मुंबई का एक युवा कुवैत पहुंचा, जहां उसने अपनी मेहनत से मानो मुकद्दर ही बदल दिया। आइये जानते हैं रिजवान साजन की सक्सेस स्टोरी। रिजवान साजन, अब संयुक्त अरब अमीरात में एक अप्रवासी भारतीय बिजनेसमैन हैं जिन्होंने एक सेल्समैन के तौर पर अपने करियर की यात्रा शुरुआत की और अब दुबई में सबसे अमीर भारतीयों में से एक हैं। उनका डेन्यूब समूह एक अरब डॉलर का ग्रुप है, जो संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बहरीन, सऊदी अरब, कतर और भारत समेत दुनिया भर में सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन मटेरियल कंपनियों में से एक है।
रिजवान साजन का जन्म और परवरिश मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुई। अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में उन्होंने एक स्ट्रीट वेंडर के रूप में किताबें और पटाखे भी बेचे। इतना ही नहीं परिवार के भरण-पोषण के लिए दूध भी बांटा। जब रिजवान 16 वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद साजन 1981 में कुवैत में अपने चाचा की निर्माण सामग्री की दुकान पर काम करने चले गए। यहां उन्होंने एक ट्रेनी सेल्समैन के रूप में काम किया। धीरे-धीरे साजन इस काम में तरक्की करने लगे। लेकिन, 1991 में खाड़ी युद्ध के कारण उन्हें मुंबई लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इसके बाद 1993 में उन्होंने डेन्यूब ग्रुप लॉन्च किया, जो अब कंस्ट्रक्शन मटेरियल, होम डेकोर और रियल एस्टेट डेवलपमेंट से जुड़ा कारोबारी समूह है। इस ग्रुप ने 2019 में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सालाना कारोबार हासिल किया। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, यूएई के वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर रिजवान साजन की कुल संपत्ति 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर बताई गई है जो करीब 20,830 करोड़ रुपये है।