ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसे सुनकर ब्रिटेन से लेकर भारत तक सब हैरान हो गए हैं। जी हां, उन्होंने अपनी करीब 10 साल पुरानी कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है। इस कंपनी को उन्होंने अपने पति के साथ शुरू किया था, लेकिन पति के पॉलिटिक्स में आने के बाद उन्होंने कंपनी से रिजाइन किया। मौजूदा समय में इस कंपनी में अक्षता अकेली डायरेक्टर रह गई थी।
अक्षता मूर्ति इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। हाल ही में भारत में जी20 के सम्मेलन में वह अपने पति और ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक के साथ दिखाई दी थी। इस दौरान उन दोनों की एक फोटो बेहद वायरल हुई थी, जिसमें अक्षता और ऋषि सुनक एक ही छतरी के नीचे सड़क पर चलते हुए बारिश का मजा ले रहे थे। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अक्षता की ओर से कंपनी को लेकर किस तरह का फैसला लिया है।
अक्षता ने वर्ष 2013 में अपने पति के साथ मिलकर इंवेस्टमेंट वेंचर कैटामरान वेंचर्स यूके लिमिटेड की शुरुआत की थी। हालांकि, सुनक ने राजनीति में आने के समय वर्ष 2015 में कैटामरान वेंचर्स के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले वित्त वर्ष में बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार कैटामरान की एकमात्र डायरेक्टर अक्षता ने अब अपनी फर्म को बंद करने का फैसला किया है। जानकारी के अनुसार वर्ष के दौरान निदेशकों ने कंपनी को कंद करने का फैसला लिया है।
इस अवधि में कंपनी की इंवेस्टमेंट वैल्यू 38 लाख पाउंड से थोड़ा ज्यादा देखने को मिली तो साल 2021 में 35 लाख पाउंड से ज्यादा थी। अक्षता मूर्ति का बकाया 46 लाख पाउंड से देखने को मिला था। कैटामरान वेंचर्स यूके लिमिटेड भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस में अक्षता के शेयरों से हासिल राशि के एक निवेश साधन के तौर पर काम करती रही है। अक्षता के पिता एनआर नारायण मूर्ति इन्फोसिस के को-फाउंडर हैं।
द टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कैटामरान-बैक्ड एजुकेशन स्टार्टअप मिसेज वर्डस्मिथ ब्रिटिश सरकार की फ्यूचर फंड नाम की महामारी सहायता स्कीम से 6।5 लाख पाउंड पाने के छह महीने से भी कम समय में बंद हो गई थी। इसके अलावा कैटामरान समर्थित फर्नीचर कंपनी न्यू क्राफ्ट्समैन को भी इस फंड से लाभ हुआ था। कैटामरान की हिस्सेदारी वाली एडटेक फर्म स्टडी हॉल को पिछले साल इनोवेट यूके से 3.50 लाख पाउंड का अनुदान मिलने पर विपक्षी दल लेबर पार्टी ने सवाल उठाए थे। साथ ही बच्चों की देखभाल से जुड़ी कोरू किड्स में अक्षता का निवेश होने और इसके ब्रिटिश सरकार की बजट योजना से लाभान्वित होने की बात सामने आने पर भी काफी विवाद हुआ था।