नई दिल्ली। इस्मा ने चालू चीनी सत्र में चीनी उत्पादन का अनुमान घटाकर करीब 307 लाख टन कर दिया है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में जारी पहले अग्रिम अनुमान में यह आंकड़ा 315 लाख टन रहा था। यह अनुमान ‘बी मोलासी’ इथेनॉल के उत्पादन में पांच लाख टन चीनी के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुये कम किया गया है। इस्मा द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 510 चीनी मिलों ने 15 जनवरी तक कुल 146.86 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जो गत वर्ष की समान अवधि में उत्पादित 135.57 लाख टन चीनी से 8.32 प्रतिशत अधिक है। इस साल चीनी मिलों में काम पहले से चालू हो गया है लेकिन इनका उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहेगा। 15 जनवरी 2019 तक उत्तर प्रदेश में 117 चीनी मिलों में काम जारी रहा जिन्होंने लगभग 382. 1 लाख टन गन्ने की पेराई की और 41.93 लाख टन चीनी उत्पादित की। वर्ष 2017-18 के चीनी सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों ने 120.45 लाख टन चीनी उत्पादित की और जनवरी 2019 में उपग्रह के जरिये प्राप्त तस्वीरों के मुताबिक चालू चीनी सत्र में यह आंकड़ा 112.86 लाख टन रहेगा।
इस दौरान महाराष्ट्र के 188 चीनी मिलों ने 57.25 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि इससे पिछले साल 183 चीनी मिलों ने सात लाख टन कम चीनी उत्पादित की थी। चालू चीनी सत्र में महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन 95 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पहले अग्रिम अनुमान के बराबर ही है। गत चीनी सत्र में यहां 107.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। 15 जनवरी 2019 तक कर्नाटक के 65 चीनी मिलों ने 26.76 लाख टन चीनी उत्पादित की जबकि गत साल की समान अवधि में चीनी मिलों ने 21.35 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक कर्नाटक में चालू चीनी सत्र के दौरान 42 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है जबकि गत चीनी सत्र में यह आंकड़ा 37.52 लाख टन रहा था।
इस अवधि में चीनी मिलों ने तमिलनाडु में दो लाख टन, गुजरात में 5.30 लाख टन, बिहार में 3.24 लाख टन, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 3.10 लाख टन, पंजाब में दो लाख टन, हरियाणा में 2.20 लाख टन, उत्तराखंड में 1.35 लाख टन और मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 1.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया।
दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चीनी सत्र 2018-19 में गुजरात ,तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना,ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और बिहार में 62 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो गत चीनी सत्र में इन राज्यों से उत्पादित चीनी से करीब ढाई लाख टन अधिक है। चालू चीनी सत्र में करीब 30 से 35 लाख टन चीनी का निर्यात किये जाने का अनुमान है। गन्ने का बकाया 31 दिसंबर 2018 तक 19,000 करोड़ रुपये के करीब रहा जिसमें बीते सत्र का दो हजार करोड़ रुपये का बकाया शामिल है। बीते सत्र में 31 दिसंबर 2017 तक यह बकाया 10,600 करोड़ रुपये रहा था।