मुंबई। पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता और गायक गिप्पी ग्रेवाल का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म सूबेदार जोगिंदर सिंह के गाने 'हथियार' से हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करेगा। गिप्पी ग्रेवाल की आने वाली फिल्म सूबेदार जोगिंदर सिंह के गीत इश्क दा तारा ने न्यूयॉर्क के द टाइम्स स्क्वायर पर धूम मचा दी थी।
अब फिल्म का तीसरा गीत 'हथियार' रिलीज कर दिया गया है। गिप्पी ग्रेवाल ने कहा कि 'हथियार' लोगों के दिलों को छू लेगा और उससे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करेगा। इस गीत में कई ऐसे अवसर आते हैं, जहां एक व्यक्ति उस सैनिक की भावनाओं से अवगत होता है, जो एक ऐसी यात्रा पर है, जहां से उसकी वापसी अनिश्चित है। फिर भी उसके दिमाग में दृढ़ निश्चय और अपने कर्तव्य ने उसे राष्ट्र के सम्मान के लिए लड़ने को उस रास्ते पर चलने का जज्बा पैदा करता है।
गिप्पी ग्रेवाल ने बताया 'हथियार' के गाने की शुरुआत सिखों के दसवें ग्रंथ में गुरु गोविंद जी की बानी 'देव शिवा बर मोहे इहे शुभ कर्मन ते काबू न डरोन, ना देरां अर सियो जब जय लरौ निश्चय कर अपनी जीत करोन' से होती है। इसका अर्थ होता है कि हे भगवान, मुझे यह वरदान प्रदान करें, मैं दुश्मनों के भय के बिना और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ू और जीतूं। वैसे भी बहुत समय से सिखों ने अपनी पहचान शक्ति और बहादुरी बनाया है।
उल्लेखनीय है कि सूबेदार जोगिंदर सिंह में गिप्पी ग्रेवाल, सूबेदार जोगिंदर सिंह के किरदार को जीवंत करते नजर आयेंगे। सूबेदार जोगिंदर सिंह ने जितनी भूमिका देश के स्वतंत्रता के आंदोलन में निभाई, उतनी ही आजादी के बाद भी देश की रक्षा की। वह शहीद होने से पूर्व 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई में शामिल हुए। उस समय वह एक पलटन के कमांडर थे।
दुर्गम क्षेत्र नेफा में अपनी पोजीशन लेने के कुछ समय बाद ही उन्हें हजारों सैनिकों के औचक आक्रमण का सामना करना पड़ा। यह सूबेदार जोगिंदर सिंह की मानसिक दृढ़ता ही थी, जिसकी वजह से गोला-बारूद खत्म होने और जांघ पर गोली लगने के बावजूद भी उन्होंने ना सिर्फ अपने सैनिकों को लड़ाई के लिए प्रेरित किया, बल्कि खुद भी अकेले ही कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। इस अभूतपूर्व शौर्य के प्रदर्शन के लिए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत राष्ट्र के सर्वोच्च युद्ध सम्मान 'परमवीर चक्र' से नवाजा। यह फिल्म पंजाबी के अलावा तीन भाषाओं हिंदी, तमिल और तेलुगू में भी छह अप्रैल को रिलीज होगी।