नई दिल्ली। यह तो लोगों की परेशानी है कि वे मेरी निजी जिंदगी और प्रोफैशनल लाइफ को एक ही आईने में देखना चाहते हैं। मैं तो उनसे बार-बार कहती हूं कि मेरा ग्लैमर देखना है तो मेरी फिल्म देखिए। यहां टोटल सनी लियोन से आपकी मुलाकात होगी जो पर्सनल जीवन में जरा भी एक्सपोज नहीं करना चाहती।
मजबूत बनाने की शुरूआत स्कूल के दिनों से हो गई थी। हमारी पढ़ाई कनाडा के एक कैथोलिक स्कूल में हुई है। वहां मेरे अलावा मेरा भाई और एक अफ्रीकन लड़का भी पढ़ता था। बाकी सभी गोरे थे। टिफिन में मां हमें अक्सर गोभी और आलू के परांठे देती थीं। क्लास के बाकी स्टूडैंट्स को गोभी की गंध असहनीय लगती थी। एक वक्त ऐसा भी आया जब सारे स्टूडैंट्स खाने के समय हमें एक कमरे में बंद कर देते थे, वे हम तीनों से बात भी नहीं करते थे, हमारे साथ खेलते भी नहीं थे। अंतत: एक दिन हमारी टीचर ने मां को बुलावा भेजा। मां से उन्होंने अनुरोध किया कि टिफिन में इस तरह का खाना न रखें लेकिन मां को ये बातें पसंद नहीं आईं, वह ठीक मेरी तरह हैं। मां ने तब टीचर से कहा था कि हम इंडियन हैं इसलिए बेटी भी इंडियन खाना खाएगी। यदि आपको परांठे की खुशबू से परेशानी है तो हमें भी बर्गर से परेशानी है।