26 Apr 2024, 07:57:07 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
entertainment » Bollywood

‘एक औरत को औरत होने पर शर्म करने को कह रहे हैं करण’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 10 2017 10:47AM | Updated Date: Mar 10 2017 10:47AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मुंबई। करण जौहर ने हालही में कंगना रानौत पर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कंगना खुद को विक्टिम की तरह प्रेजेंट करती हैं। उनके इस बयान पर कंगना ने जवाब देते हुए कहा है, ‘‘मैं विक्टिम कार्ड नहीं खेल रही थी।’’ 

आर्टिस्ट का मजाक बना रहे हैं करण 

एक इंटरव्यू में कंगना ने कहा है, ‘‘मैं नेपोटिजम के बारे में करण जौहर की समझ के बारे में नहीं बोल सकती। अगर वो समझते हैं कि यह रिश्तेदारों, बेटियों और भतीजों पर लागू नहीं होती तो मैं कुछ कहना नहीं चाहूंगी, लेकिन मैं इतना जरुर कहना चाहूंगी कि उनका कहना कि वो मेरे साथ काम नहीं करेंगे, यह किसी भी आर्टिस्ट का मजाक बनाने जैसा है। अगर करण को याद हो तो हम दोनों ने साथ में फिल्म ‘उंगली’ में काम किया था, जिसको उन्होंने प्रोड्यूस किया था। उस फिल्म की रिलीज को लेकर हमारी सोच में काफी अंतर था।’’ 

करण के लिए यह गर्व की बात होनी चाहिए कि मैं उनके शो पर पहुंची 

कंगना ने आगे कहा है, ‘‘मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने अपने शो पर बुलाकर कैसे मुझे कोई प्लेटफॉर्म दिया था? मेरे पास अपनी बात रखने के लिए काफी प्लेटफॉर्म हैं। अगर वो यह कह रहे हैं कि उन्होंने मेरे विचारों को आवाज देने में मदद की है, तो यह एक आर्टिस्ट की बेज्जती करने जैसा है। यह उनके लिए गर्व की बात होनी चाहिए कि मैं उनके शो पर पहुंची थी। उनकी टीम ने मुझे अपने शो पर बुलाने के लिए कई महीनों तक मिन्नते की थीं।’’ 

अपनी बेटी को सेल्फ इंडीपेंडेंट कार्ड दें 

क्या यह उचित है कि करण जौहर एक महिला को महिला होने पर शर्म करने के लिए कह रहे हैं? विक्टिम कार्ड और वुमन कार्ड क्या होता है? इस तरह की बात करना हर महिला की बेज्जती करने के जैसा है। क्योंकि अब करण जौहर भी बच्ची के पिता हैं तो मैं कहना चाहूंगी कि वो उसे विक्टिम कार्ड, वुमन कार्ड जैसे हर तरह का कार्ड दें। खास करके सेल्फ इंडीपेंडेंट कार्ड और बैडएस कार्ड भी।

इंडस्ट्री के एक छोटे से कण के बराबर हैं करण

मैं कहना चाहूंगी कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ करण जौहर के एक छोटे से स्टूडियो तक सीमित नहीं है, जो कि उनको 20 साल की उम्र में उनके पिता जी द्वारा दिया गया था। वो इंडस्ट्री के एक छोटे से कण के बराबर हैं। इस इडस्ट्री पर हर एक उस भारतीय का हक है जिसके माता-पिता उसे सामान्य सी ट्रेनिंग तक मुहैया नहीं करा पाते हैं। मैंने यह कला काम करते-करते सीखी है, वो कोई नहीं होते हैं जो मुझे यह कहें कि मैं इंडस्ट्री छोड़ कर चली जाऊं।

 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »