27 Apr 2024, 07:07:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। बॉलीवुड में अमरीश पुरी को एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी कड़क आवाज, रौबदार भाव-भंगिमाओं और दमदार अभिनय के बल पर खलनायकी को एक नयी पहचान दी। रंगमंच से फिल्मों के रूपहले पर्दे तक पहुंचे अमरीश पुरी ने अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखाया। आज के दौर में जब कलाकार किसी अभिनय प्रशिक्षण संस्था से प्रशिक्षण लेकर अभिनय जीवन की शुरूआत करते हैं, अमरीश पुरी खुद एक चलते फिरते अभिनय प्रशिक्षण संस्थान थे।

पंजाब के नौशेरां गांव में 22 जून 1932 को जन्में अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरुआत श्रम मंत्रालय में नौकरी से की और उसके साथ ही सत्यदेव दुबे के नाटकों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। बाद में वह पृथ्वी राज कपूर के ‘पृथ्वी थियेटर’ में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुए। पचास के दशक में अमरीश पुरी ने हिमाचल प्रदेश के शिमला से बीए पास करने के बाद मुंबई का रूख किया। उस समय उनके बड़े भाई मदन पुरी हिन्दी फिल्म में बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे।

वर्ष 1954 में अपने पहले फिल्मी स्क्रीन टेस्ट में अमरीश पुरी सफल नहीं हुये। अमरीश पुरी ने अपने जीवन के 40वें वसंत से अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत की थी। वर्ष 1971 में बतौर खलनायक उन्होंने फिल्म रेशमा और शेरा से अपने करियर की शुरुआत की लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। उस जमाने के मशहूर बैनर ‘बॉम्बे टॉकीज’ में कदम रखने के बाद उन्हें बड़े-बड़े बैनर की फिल्में मिलनी शुरू हो गयीं। उन्होंने खलनायकी को ही अपने करियर का आधार बनाया। इन फिल्मों में निंशात, मंथन, भूमिका, कलयुग और मंडी जैसी सुपरहिट फिल्में भी शामिल हैं।

 
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