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जासूसी कांड के शिकंजे में बीजेपी के तीन नेता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 14 2017 10:39AM | Updated Date: Feb 14 2017 10:39AM
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भोपाल। पहले संजय पाठक, फिर रेत माफिया और अब आईएसआई जासूसी कांड को लेकर भाजपा लगातार घिरती नजर आ रही है। एटीएस की पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने प्रदेश भाजपा के तीन नेताओं के भी नाम इस मामले में लिए हैं। हालांकि, अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि इन नेताओं की जासूसी कांड में प्रत्यक्ष भूमिका थी या नहीं। 

एटीएस सूत्रों के अनुसार, इन नेताओं के खिलाफ एटीएस सबूत जुटा चुकी है। संभवत: एक-दो दिन में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो इन नेताओं की पूछताछ में और भी कई नामों का खुलासा हो सकता है। 
 
गुप्त स्थानों पर चल रही पूछताछ
उधर, एटीएस ने 9 फरवरी को जासूसी कांड का खुलासा करने के बाद से प्रदेश भर के करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। इनसे पिछले चार दिनों से गुप्त स्थानों पर पूछताछ चल रही है। पूछताछ में रोज नए खुलासे भी हो रहे हैं। 
 
जासूसी कांड के शिकंजे में भाजपा के तीन नेता 
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ध्रुव और हिमांशु के साथ रहने वाली आशिया नाम की महिला के भी गिरफ्तार होने की सूचना मिली थी। डीजीपी ऋषि शुक्ला सहित सभी पुलिस अधिकारियों ने किसी महिला को गिरफ्तार किए जाने की बात से इंकार किया था। पर सूत्रों के अनुसार, एटीएस द्वारा हिरासत में लिए गए दो दर्जन लोगों में एक महिला भी शामिल है। यह महिला आशिया है या कोई और इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। 
 
पीएमओ ने मांगी जानकारी
आईएसआई नेटवर्क के खुलासे के बाद अब केंद्र सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है। सूत्रों के अनुसार, मप्र एटीएस से प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले की पूरी जानकारी मांगी है। पीएमओ ने इस मामले में शामिल लोगों की जानकारी के साथ एटीएस द्वारा अब तक की गई जांच का ब्योरा भी मांगा है। 
 
उधर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए ट्राई को निर्देश दिए हैं। इस जासूसी कांड में प्राइवेट मोबाइल कंपनियों की सिमों का उपयोग किया गया था। सूत्रों के अनुसार, ट्राई को दिए निर्देशों में कहा गया है कि प्राइवेट कंपनियों द्वारा थोक में दी गई सिमों की पूरी जानकारी ली जाए। 
 
किसके लिए कर रहा काम ध्रुव नहीं जानता
एटीएस की पूछताछ में अब तक ध्रुव ने एक्सचेंज चलाने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की बात तो स्वीकार की, पर उसने आईएसआई के लिए काम करने की बात से इंकार किया है। उसके अनुसार, वह केवल पैसों के लिए ये सब कर रहा था। उसके मुख्य आरोपी बलराम के अलावा किसी और से संबंध नहीं थे। ध्रुव ने बताया, बलराम ने पैसों का लालच देकर उसका इस्तेमान किया। 
 
युवा भाजपा नेता को गिफ्ट की थी कार
ध्रुव से पूछताछ में यह भी पता चला है कि राजधानी के एक युवा भाजपा नेता को भी उसने सफेद रंग की डस्टर कार गिफ्ट की थी। सूत्रों के अनुसार, इस कार में मेयर आलोक शर्मा ने भी कुछ दिन दौरे किए थे। ये उस समय की बात है जब मेयर की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने को लेकर बवाल मचा था। हालांकि, मेयर को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह कार युवा भाजपा नेता की न होकर ध्रुव सक्सेना द्वारा गिफ्ट की गई थी। 
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