नई दिल्ली। ग्रीन लॉबी में भले ही बड़ी-बड़ी गाड़ियां को एक भारी प्रदूषण के रूप में देखा जाता हो, लेकिन इंडियन पैसेंजर व्हीकल्स इंडस्ट्री में एसयूवी ने अपनी एक खास पहचान बना ली है। ऐसा इस बात से ही पता लगाया जा सकता है कि भारत में बिकने वाली हर चौथी कार एसयूवी है। वाहनों की बिक्री के आंकड़े निकालने वाली इंडिस्ट्री ग्रुपिंग सोसाइटी आॅफ इंडियन आॅटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने जानकारी दी है।
सियाम के अनुसार मार्च 2010 में पैसेंजर व्हीकल्स का मार्केट शेयर 14 फीसद था, जो कि इस साल मार्च के अंत तक 25 फीसद पार कर लिया है। इसके साथ ही आने वाले सालों में नए मॉडल्स को लेकर बिक्री काफी अच्छी जाने वाली है। एसयूवी सेगमेंट में बढ़ती डिमांड को लेकर ज्यादा डीजल इंजन का विकल्प चुनते हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 में एसयूवी की बिक्री में 30 फीसद रही है। इसके साथ ही कार्स की बिक्री में 4 फीसद की ग्रोथ हुई है।
हुंडई ने क्या कहा : हुंडई इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राकेश श्रीवास्तव ने कहा एसयूवी ग्लोबल ट्रेंड है और भारत में इसे काफी सराहा जा रहा है। देश में सड़क के बुनियादी ढांचे से बड़ी विविधता फैल रही है, जिससे एक बड़ी चुनौती महसूस होती है और बाजार में मजबूत, सुरक्षित और उच्च बैठने वाले वाहनों की डिमांड बढ़ रही है। यह ट्रेंड आगे भी चलता रहेगा और अगले एक साल एसयूवी की बिक्री 30 फीसद तक बढ़ जाएगी।