चैत्र नवरात्र की शुरुआत 29 मार्च से हो रही है। तिथियों की घट-बढ़ के चलते इस वर्ष नवरात्र आठ दिवसीय रहेगी। घटते क्रम में नवरात्र होने से इसे ज्योतिषी आमजन की परेशानी बढ़ाने वाली नवरात्र मान रहे हैं। हालांकि शहरभर में मंदिरों में नवरात्र महोत्सव की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रभूषण व्यास ने बताया एक वर्ष में दो मुख्य नवरात्र पर्व चैत्र नवरात्र और क्वार माह की नवरात्र मनाए जाते हैं। इनमें चैत्र माह की नवरात्र बड़ी मानी जाती है।
इस वर्ष यह नवरात्र घटते क्रम में होने से इसे ज्योतिषी शुभ फलदायी नहीं मान रहे हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि नवरात्र पर्व की एकम तिथि का क्षय होने से नौ दिवसीय नवरात्र पर्व आठ दिवसीय हो गया है। जिससे मां अंबे की आराधना भी आठ दिनों तक की जाएगी। उन्होंने बताया नवरात्र पर्व की शुरुआत 29 मार्च से होगी और नवमी 5 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि 28 मार्च को अमावस्या सुबह 8.26 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकम तिथि शुरू होगी, जो 29 मार्च को सुबह 5.44 बजे तक रहेगी। अधिकतर पंचागों में एकम तिथि का पूरी तरह से क्षय बताया गया है। वहीं उज्जैन के पंचाग नारायण विजय के मुताबिक एकम तिथि मात्र 44 मिनट रहेगी, जबकि सूर्योदय के समय द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। फिर भी पड़वा मनाई जाएगी।
हर दिन दो तिथि -
इस वर्ष चैत्र नवरात्र में हर दिन दो तिथियों का संयोग बन रहा है। जिससे श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में पंडित श्री व्यासजी का कहना है कि नवरात्र में मात्र एकम तिथि का क्षय है। शेष तिथियां हर दिन एक तिथि के रूप में मनाई जाएंगी।
गुड़ी की पूजा
गुड़ी पड़वा पर शहर में महाराष्ट्रीयन समाज द्वारा गुड़ी की पूजा क ी जाएगी। इसके लिए अधिकतर परिवारों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। जबकि नवरात्र का व्रत करने वाले श्रद्धालु इस दिन घट स्थापना करके मां अंबे की आराधना उपवास रखकर शुरू करेंगे।
नए संवत्सर की शुरुआत
चैत्र नवरात्र की शुरुआत के साथ ही गुड़ी पड़वा से नए संवत्सर की शुरुआत भी होगी। इसे नववर्ष के रूप में भी मनाया जाएगा। शहर में कई स्थानों पर गुड़-धनिया का वितरण किया जाएगा। इस तरह गुड़ी पड़वा पर शहर में कई आयोजन होंगे।
ज्योतिष दिवस मनेगा
गुड़ी पड़वा के दिन ही शहरभर में ज्योतिष दिवस मनाया जाएगा। मप्र ज्योतिष परिषद के जिला अध्यक्ष पंडित चंद्रभूषण व्यास ने बताया इस दिन अधिकतर ज्योतिषी अपने-अपने ज्योतिष ग्रंथों का पूजन करेंगे। ज्योतिष के देवता गुरु वशिष्ठ, नारदमुनि और भृगुजी का पूजन किया जाएगा। इसके अलावा कई स्थानों पर ज्योतिष पर परिचर्चा व परिसंवाद के आयोजन भी होंगे।
राम नवमी 5 को
नृसिंह मंदिर के पुजारी मोहित शर्मा ने बताया आठ दिवसीय नवरात्र की नवमी 5 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस तरह नवमी के दिन शहर में अनेक स्थानों पर कन्या भोज के आयोजन होंगे। इसे रामनवमी के रूप में भी मनाया जाएगा। इसके चलते राम मंदिरों में भगवान राम के पूजन अनुष्ठान भी होंगे। साथ ही इस दिन दशहरा पर्व भी मनाया जाएगा, जिसके चलते साई बाबा की पालकी यात्रा भी निकलेगी। पंचागों के हिसाब से नवमी और दशमी एक ही दिन 5 अप्रैल को मनाई जाएगी।