शनि ग्रह कुछ समय मे ही राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। जन्मपत्री मे गोचर व दशा अन्तर्दशा मे शनि अशुभ होने पर कार्यों में आलस्य, टालमटोल, ढिलाई, सुस्ती, जिम्मेदारी से बचना, जवाबदारी के कार्यों में लापरवाही, स्वयं का लगातार छोटी-मोटी बीमारी से ग्रस्त रहना, उदासीनता, अपने लोगों के प्रति कटुता, सांसारिकता से मोह भंग, गृह त्याग का विचार, अनावश्यक झूठ बोलना शनि का प्रमुख लक्षण है।
जिन लोगो को शनि, राहु या केतु का बुरा प्रभाव या उनकी दशा चल रही है उन्हे सुलेमानी हकीक रत्न धारण करने से काफी लाभ होता है। आकस्मिक विपत्तियों, को भी सुलेमानी हकीक रत्न काफी कम कर देता है। सुलेमानी हकीक पत्थर को कोई भी व्यक्ति (स्त्री , पुरुष और बच्चा ) धारण कर सकता है व इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। जिन लोगों को जायदा बीमारी, चोट, एक्सीडेंट हो उन्हें यह जरूर पहनना चाहिए।