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Astrology

भगवान शिव के अनुसार मनुष्य सन्तान सुख से वंचित किन कर्मो के कारण रह जाता है

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 12 2019 9:46AM | Updated Date: Sep 12 2019 9:46AM
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शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है यानि इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं। भगवान शिव ग्रहस्थ के देवता है। भगवान शिव से कुछ छुपा नही है भगवान शिव माता पार्वती को कारण बताया था मनुष्य सन्तान सुख से वंचित क्‍यों रह जाता है । एक बार कैलाश पर शिव शंकर और माता पार्वती के मध्य सत्संग चल रहा था। उसी बीच माता पार्वती को उत्सुकता हुई और उन्होंने शिव जी से प्रश्न किया कि हे महादेव ऐसे कौन से कार्य है जिनसे चलते मनुष्य संतान सुख नही भोग पाता। यह सुनकर शिव जी मुस्कुराये उन्होंने पार्वती माता को बताया की संसार में किये हर बुरे कार्य की सजा पहले से ही निर्धारित होती है।
 
किन्तु जो मनुष्य गौ माता, हिरण या पक्षियों के बच्चों को भी मार देते है फिर उन्हें खा जाते है। ऐसे मनुष्य पाप के भागीदार बनते है। क्योंकि वे उन बच्चो को उनके माता पिता से अलग कर देते है, उन्हें मृत्यु के बाद भी यातना सहनी पड़ती है। शिव जी ने आगे कहा इतना सहने के बाद भी जब वे पुनः मनुष्य रूप में जन्म लेते है तो उन्हें संतान सुख से वंचित रह जाते है। और अपना पूरा जीवन संतान के सुख की कामना लिए ऐसे ही मर जाते है। इसलिए मनुष्य को क्रोध, काम, असत्य और अधर्म का मार्ग त्यागकर भगवान की आराधना में मन लगाना चाहिए। भगवान शिव की सदा जय हो।
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