समुद्रशास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसमे मानव शरीर के विभिन्न स्थानों में उत्पन्न किन्ही चिन्हों आदि के बारे में जानकारी दी गई है। मानव शरीर में प्राकृतिक तौर पर कई जगह तिल होते हैं। समुद्रशास्त्र में मनुष्य के शरीर पर विद्यमान तिलों के बारे में भी जानकारी दी गई है| इसमें बताया गया है कि मनुष्य के शरीर के विभिन्न हिस्सों पर मौजूद तिल का क्या अर्थ होता है|
समुद्रशास्त्र में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद तिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। हम देखते है जिस तरह से हथेली पर कई तरह के निशान होते है ठीक उसी तरह से अलग-अलग भागों और पर्वतों पर मौजूद तिल भविष्य के बारे में कुछ संकेत देते है। तो आइए जानते हैं किस पर्वत पर तिल होना शुभ होता है किस पर अशुभ का संकेत है।
गुरु पर्वत पर तिल होना आर्थिक संपन्नता को दर्शाता है। अगर किसी भी व्यक्ति के गुरु पर्वत पर कोई तिल होता है तो यह उसकी आर्थिक संपन्नता के बारे में बताता है। ऐसे व्यक्ति को कभी भी पैसों से संबंधित बाधा नहीं आती है।
शनि पर्वत धन के साथ सुख समृद्धि का भी प्रतीक है अगर यदि किसी व्यक्ति के शनि पर्वत पर तिल पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति धनी बनते है और इनके जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि रहती है। जीवन मे दुःख कम समय के लिए होंगे।
यदि किसी व्यक्ति के सूर्य पर्वत पर तिल है तो समुद्रशास्त्र के अनुसार इस तिल का होना अशुभ माना जाता है। इस स्थान पर तिल होने से व्यक्ति को जीवन में दूसरे से अपमान का सामना करना पड़ सकता है। यह टिल व्यक्ति के जीवन मे अपमान का संकेत है जो उसे कभी भी देखना पड़ सकता है।
जिस प्रकार सूर्य पर्वत पर तिल अपमान का संकेत है ठीक उसी प्रकार शुक्र पर्वत पर तिल होना वैवाहिक कलह का प्रतीक है। जिस किसी के शुक्र पर्वत पर तिल होता है उसके वैवाहिक जीवन में हमेशा टकराव व तनाव रहता है।
मंगल को वैसे भी शुभ नही माना जाता। मंगल पर्वत पर तिल होने से व्यक्ति के जीवन में कोई दुर्घटना होने के लक्षण पाए जाते है साथ ही इस जगह तिल होने से मनुष्य को सम्पत्ति का नुकसान होता है। अर्थात यदि संक्षेप में कहे तो मंगल दुर्घटनाओं का संकेत है जिनसे जीवन मे कभी भी कहीं भी सामना हो सकता है।