उज्जैन। आगामी चार अप्रेल को होने वाला खग्रास चन्द्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा लेकिन नागालैंड के कोहिमा और असम के डिब्रूगढ़ में यह ज्यादा देर तक दिखाई देगा और अधिक स्पष्ट होगा।
प्राचीन समय से कालगणना की नगरी रही उज्जैन में जीवाजी राव वेधशाला के अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गुप्त ने बताया कि तीन बजकर 45 मिनट 02 सेकंड पर चन्द्रोदय होते ही चंद्रग्रहण कोहिमा में पांच बजकर 25 मिनट और असम के डिब्रूगढ़ क्षेत्र में पांच बजकर 28 मिनट पर अधिक समय तक और स्पष्ट दिखाई देगा।
इसका मध्य काल पांच बजकर 50 मिनट 30 सेकंड और मोक्ष काल सात बजकर 15 मिनट दो सेकंड रहेगा। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार चन्द्रोदय होते ही चंद्रग्रहण देश की राजधानी दिल्ली में छह बजकर 29 मिनट, चेन्नई में छह बजकर 20 मिनट, कोलकाता में पांच बजकर 51 मिनट और मुम्बई में छह बजकर 54 मिनट पर नजर आयेगा।
चंद्रग्रहण एशिया महाद्वीप, आस्ट्रेलिया, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक, प्रशांत और भारतीय महासागर में दिखाई देगा। गुप्त ने बताया कि इस वर्ष चार ग्रहण होंगे।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की प्राचीन एवं धार्मिक नगरी उज्जैन में चार अप्रेल को होने वाला चन्द्र छह बजकर 44 मिनट पर दिखाई देगा और विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर तथा अन्य मंदिरों में ग्रहण के दौरान होने वाली आरती एवं पूजन ग्रहण के मोक्ष के बाद की जाएगा।