धर्मग्रंथों में कई ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जिन्हें अपनाने से जीवन में शुभ ही शुभ होता है। रोजाना की जिंदगी में इन्हें अपनाकर अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। महाभारत के एक श्लोक में भी कुछ ऐसी ही बातों को बताया गया है। नीचे लिखे श्लोक के अनुसार इन पांच तरह के लोगों को भोजन कराने से घर में सुख-शांति रहती है। इस श्लोक के माध्यम से इन बातों को समझाने की कोशिश की गई है।
घर के पितरों को हमेशा याद रखना चाहिए। किसी भी शुभ काम को करने से पहले पितरों को याद करना और उन्हें भोग लगाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण त्योहारों में पितरों के नाम का भोजन निकालना चाहिए। जो लोग घर में बने खाने का सबसे पहले देवी-देवताओं को भोग लगाते हैं उन्हे घर में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। कहा जाता है कि हर शुभ काम में और सभी त्योहारों में उन्हें खाने का भोग लगाना बहुत शुभ होता है।
ब्राह्मणों और ऋषियों को भोजन- कहा जाता है ब्राह्मणों और ऋषियों को भोजन कराने से हर तरह के पापों से मुक्ति तो मिलती ही साथ ही जिदंगी में सफलता के योग भी बनते हैं।
घर आए मेहमान- जिस घर में मेहमान का स्वागत किया जाता है। उसे सप्रेम भोजन कराया जाता है। ऐसे घर से देवता हमेशा खुश रहते हैं। देवताओं को शास्त्रों में भगवान का दर्जा दिया गया है। इसलिए मेहमान को भोजन कराना भगवान को भोजन कराने के बराबर है।