नवरात्रि साल में दो बार आती है। पहली चैत्र नवरात्रि जो मार्च से अप्रैल के बीच आती है और दूसरी शरद नवरात्रि जो अक्टूबर से नवंबर के बीच आते है। पर क्या कभी आपने सोचा है कि घर में नमक की जगह इन दिनों सेंधा नमक क्यो इस्तेमाल किया जाता है। क्यो इन दिनों लोग गेंहू का आटा नही, बल्की कूटू का आटा या सिंघाड़े का आटा फलाहार के रूप मे लेना पसंद करते है। इसका एोक वैज्ञानिक तथ्य भी है। आयुर्वेद के अनुसार मीट, गेंहू, अल्कोहल, प्याज, लहसुन, अदरक, जैसी चींजे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। सीजन के बदलने पर हमारी इम्यूनिटी काफी कम होती है, जिसकी वजह से शरीर को बीमारीयां लगती है। ऐसे में इन चीजों का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। व्रत करने का मतलब है रोज के खाने से खुद की बॉडी पर ब्रेक लगाना। ऐसे में लोग आसानी से पच जाने वाला और पोषक तत्वों से भरा खाना खाते है। गेहूं पाचन क्रिया को धीमा करता है, इसलिए लोग इससे परहेज करते है। परिवर्तित खाने की जगह फल, ज्यूस और दूध पीना पसंद करते है