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MP: मौत' बांट रही हैं सरकारी अस्पतालों की दवाएं, जांच के बाद नौ जीवन रक्षक दवाओं पर लगा बैन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 22 2024 1:31PM | Updated Date: Aug 22 2024 1:31PM
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इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल द्वारा दवाइयों की गुणवत्ता के संबंध में की गई शिकायत के बाद प्रदेश में नौ दवाओं (इंजेक्शन) पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब यह किसी भी अस्पताल में उपयोग नहीं की जा सकेंगी। कॉलेज द्वारा परीक्षण के लिए 12 दवाओं के नमूने भेजे थे, जिसमें से एक में गड़बड़ी आई है।
 
यह जांच सेंट्रल ड्रग लैब कोलकाता में हुई है। प्रतिबंधित सभी ड्रग इंजेक्शन हैं। मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और सीएमएओ को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि बैच नंबर 27422403, एवी3423, एच2025, 396, डीएचएआई 12302, 1322379, एटीआर 24002, एलवीआरबीबी 2302 एवं एआई 22283 का उपयोग एवं वितरण आगामी आदेश तक तत्काल रूप से रोका जाए।
 
बता दें कि लैब की रिपोर्ट में ड्रग नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी की मिली है। प्रतिबंधित दवाएं गुजरात और हिमाचल प्रदेश की कंपनी की हैं। रिपोर्ट के अनुसार जांच में यह आईपी (इंडिया फार्माकोपोइया) के अनुरूप नहीं मिली है।
 
विशेषज्ञों के मुताबिक यह सभी जीवन रक्षक हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन कुछ मामलों में रोगियों को आंतरिक ब्लीडिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। अभी 11 अन्य दवाओं की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि वैकल्पिक दवाओं का ऑर्डर दिया है।
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