आखिर क्यों? शादी के बाद लड़की को अपना ही घर छोड़कर पति के घर जाना पड़ता है। बहुत मुश्किल होता है लड़की के लिए उस घर को छोड़कर जाना जहां उसका बचपन बिता हो जहां वो पली-बढ़ी हो। इसके पीछे कई कारण है। कुछ सामाजिक, कुछ मनु संहिता के तर्क, कुछ वैदिक, कुछ धार्मिक।
समाज में जब किसी की शादी होती है तो दुल्हन की विदाई एक रस्म मानी जाती है जिससे की लड़की को लड़के के घर जाना अनिवार्य होता है। क्योंकि इसी के बाद लड़के का घर एक परिवार के रूप में विकसित होता है और लड़की को उस परिवार की पूरी बागडोर संभालनी होती है। लड़की ही उस परिवार के वंश को आगे बढ़ाती है और पुरे परिवार को साथ लेकर चलती है। यहीं सामाजिक कारण है की एक लड़की को विदाई की रस्म निभानी ही पड़ती है।
धार्मिक कारण के अनुसार हिन्दू धर्म में कई तरह के संस्कार बनाए गए है। जिनमे एक संस्कार यह भी है की एक लड़की के जन्म के बाद उसके पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके पिता की होती है लेकिन जैसे ही वह युवा होती है और शादी के बंधन में बंध जाती है तब से उसकी जिम्मेदारी उसके पति की हो जाती है। और उसका पालन पोषण भी उसके पति को ही करना होता है। इस धार्मिक कारण की वजह से एक लड़की को अपने बाबुल का घर छोड़कर जाना पड़ता है।