इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच गाजा में 7 अक्टूबर से जारी जंग में तबाही मची है. हमास से आर-पार की लड़ाई लड़ रही इजरायली सेना गाजा में घुसकर हमले कर रही है. गाजा के सबसे अस्पताल अल शिफा मेडिकल कॉम्प्लेक्स के गेट के बाहर इजरायली सेना के टैंक खड़े हैं. अस्पताल में फ्यूल की सप्लाई खत्म हो जाने से कामकाज ठप हो गया है. जिससे भयावह स्थिति पैदा हो गई है. ये अस्पताल कब्रिस्तान में तब्दील होता जा रहा है. हर दिन मरीजों की मौत हो रही है. अस्पताल के मुताबिक, कैंपस के अंदर ही एक सामूहिक कब्र में 179 मरीजों को दफनाया गया है. इनमें नवजात बच्चे भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अल शिफा अस्पताल के प्रमुख मोहम्मद अबू सालमिया ने मंगलवार को क्षेत्र में विनाशकारी मानवीय संकट को रेखांकित करते हुए कहा, "हमें उन्हें सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए मजबूर किया गया." अस्पताल की फ्यूल सप्लाई खत्म होने के बाद इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) से 7 बच्चों और 29 मरीजों को दफनाया गया. कैंपस में लाशें बिखरी हुई हैं. अब बिजली नहीं है..." गर्माहट देने के लिए एक साथ सुलाए गए दर्जनों नवजात, "कल 39 थे... आज 36..." : ग़ाज़ा अस्पताल के डॉक्टर का बयानगर्माहट देने के लिए एक साथ सुलाए गए दर्जनों नवजात,
समाचार एजेंसी AFP के साथ सहयोग कर रहे एक पत्रकार ने कहा, "सड़ते शवों की दुर्गंध हर जगह है." मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स या डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ काम करने वाले अस्पताल के एक सर्जन ने इस स्थिति को 'अमानवीय' करार देते हुए कहा, "हमारे पास बिजली नहीं है. पानी नहीं है. खाना नहीं है."
फ्यूल की सप्लाई बंद होने से मशीनें और मेडिकल इक्यूपमेंट्स नहीं चल रहे हैं, जिससे मरीजों की मौत हो रही है. इसमें नवजात बच्चे भी शामिल हैं. वहीं, इंक्यूबेटर में नवजात बच्चों को एक दूसरे से सटाकर रखा जा रहा है, ताकि उन्हें ह्यूमन हीट से सही टेंपरेचर दिया जा सके. डॉक्टर के मुताबिक, एक बेड पर 39 बच्चे लिटाए गए हैं. इनमें से कुछ बच्चे हरे कपड़े में लिपटे हुए हैं, जो गर्मी के लिए उनके चारों ओर मोटे तौर पर टेप से बंधे हुए हैं. बाकी बच्चों को सिर्फ नैपी पहनाकर रखा गया है. अस्पताल में हर मिनट बीतने के साथ इन बच्चों की जिंदगी पर खतरा बढ़ता जा रहा है.