चीन और ताइवान में हाल के समय में तनाव काफी बढ़ गया है। ताइवान के उपराष्ट्रपति पिछले दिनों अमेरिका रुके, इसके बाद से ही चीन की भौहें तनी हुई हैं। चीन ने ताइवान की हवाई सीमा पर अपने फाइटर जेट भेजकर अपने कुत्सित इरादे जाहिर किए हैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों की एकता के बीच वैश्विक कूटनीति में चीन अब अपने को अलग थलग महसूस करने लगा है। जी20 में भारत तेजी से विश्व के पटल पर उभर कर आया, इसके विपरीत चीन अलग थलग दिखाई दिया। इसी बीच अमेरिका जो लगातार ताइवान के पक्ष में मजबूती से खड़ा है। ऐसे में चीन द्वारा आक्रामकता दिखाते हुए एक दो नहीं, बल्कि 103 फाइटर जेट ताइवान की हवाई सीमा के करीब भेजना 'खतरनाक' माना जा रहा है। संभावित हमले को देखते हुए ताइवान ने अलर्ट जारी कर दिया है। इससे एक बार फिर लग रहा है कि कहीं जंग न शुरू हो जाए।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि चीन ने बीते 24 घंटे में अपनी सैन्य गतिविधियों में काफी इजाफा किया है। इस दौरान ताइवान ने हवाई सीमा के करीब चीन के 103 फाइटर जेट्स का पता लगाया। ताइवान को डराने के लिए हाल के समय में चीन लगातार हरकतें कर रहा है। इस बार 103 फाइटर जेट भेजकर ताइवान पर दबाव बनाया है। बताया गया है कि चीन ने यह हरकत 17 सितंबर से 18 सितंबर के बीच की है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे दोनों के बीच स्थित जलडमरूमध्य और अपने लिए चिंता का विषय बताया है। बयान में कहा गया है कि बीजिंग की तरफ से लगातार ताइवान का सैन्य उत्पीड़न सिर्फ तनाव बढ़ाने वाला है और इससे क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात और खराब हो सकते हैं। ताइवान ने चीन से इस तरह की हरकतों को तत्काल रोकने के लिए कहा है।
इससे पहले बुधवार को एक बार फिर चीन ने ताइवान में घुसपैठ की कोशिश की। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि उसने बुधवार सुबह अपने वायु रक्षा क्षेत्र में 28 चीनी वायु सेना के विमानों को देखा। बीजिंग के द्वारा किए गए इस हरकत को ताइपे हमेशा से इसे नियमित उत्पीड़न कहता आ रहा है।
ताइवान के उपराष्ट्रपति ने कुछ समय पहले चीन का दौरा किया था। उसके बाद से चीन अमेरिका पर भी भड़का हुआ है। चीनी रक्षामंत्री ने कहा कि ताइवान पर डोरे डालकर चीन को काबू में रखने की अमेरिका की कोशिश सफल नहीं होने वाली है। वैसे तो चीन ताइवान मामले में अमेरिका से पहले से ही खफा है। लेकिन, विलियम लाई, ताइवान के उपराष्ट्रपति हैं और आगामी राष्ट्रपति चुनाव में ताइवान के राष्ट्रपति बनने की रेस में प्रमुख उम्मीदवार हैं। विलियम लाई पराग्वे जाते हुए अमेरिका रुके थे। तभी से चीन भड़का हुआ है। चीन ने विलियम लाई को लेकर कहा है कि वह बार-बार परेशानी खड़ी करते हैं।
चीन हमेशा से ही ताइवान को एक अलग देश नहीं, बल्कि अपने ही देश का एक स्वायत्त हिस्सा मानता रहा है। वो ताइवान को अपना एक प्रांत बताता है और दुनिया से यह कहता है कि 'वन चाइना पॉलिसी' को सभी मानें। यही वन चाइना पॉलिसी है। चीन का मानना है जो देश ताइवान के साथ कूटनीतिक रिलेशन रखना चाहते हैं उन्हें रिपब्लिक ऑफ चाइना से सम्बंध तोड़ने होंगे।