नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' पहल को गुरुवार को बड़ा प्रोत्साहन मिला। विमान बनाने वाली यूरोपिय कंपनी एयरबस (Airbus) ने अपने A220 सीरीज के सभी विमानों के लिए दरवाजे बनाने का कॉन्ट्रैक्ट भारतीय कंपनी को दे दिया है। इसकी घोषणा गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में की गई जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। हालांकि इस सौदे के वित्तीय पहलुओं का खुलासा फिलहाल नहीं हुआ है।
यह कॉन्ट्रैक्ट बेंगलुरु की डायनेमिक टेक्नोलॉजिज (Dynamatic Technologies) को दिया गया है। यह कंपनी पहले से ही एयरबस के A330 और A320 विमानों के लिए फ्लैप ट्रैप बीम का निर्माण कर रही है। यह किसी भी भारतीय एयरोस्पेस विनिर्माता कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट है।
एयरबस द्वारा विमानों के दरवाजों के निर्माण के लिए किसी भारतीय सप्लायर को दिया यह दूसरा कॉन्ट्रैक्ट है। साल 2023 में एयरबस ने अपने A320 विमानों के कार्गो डोर्स (Cargo Doors) बनाने का ठेका टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Ltd.) को दिया था।
इस मौके पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''भारत विमानों के कलपुर्जों के विनिर्माण के लिए एक गंतव्य स्थल बन रहा है।'' उन्होंने कहा कि एयरबस के लिए भारत में निवेश करने का यह सही समय है। साथ ही विमान निर्माता का लक्ष्य देश से कलपुर्जों की सोर्सिंग को 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना है। पिछले वर्ष यह 750 मिलियन डॉलर रही थी।
पिछले महीने यानी जनवरी 2024 के आखिर में एयरबस हेलीकॉप्टर्स ने भारत में हेलीकॉप्टरों के निर्माण की फाइनल असेंबली लाइन को स्थापित करने के लिए टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी की थी। भारत में हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने में निजी क्षेत्र द्वारा अग्रणी भूमिका निभाने का पहला उदाहरण है।