इस साल अक्षय तृतीया 10 मई, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी का विधि विधान से पूजन किया जाता है और मां लक्ष्मी से प्रार्थना की जाती है कि उनकी कृपा सदैव घर परिवार पर बनी रहे और मां लक्ष्मी की कृपा से प्राप्त धन का कभी क्षय न हो, घर हमेशा सुख, शांति, धन, संपत्ति और समृद्धि से भरा रहे और घर में हमेशा माता लक्ष्मी का निवास हो। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी काम किए जाते हैं, उनके फल अक्षय रहते हैं यानी उनका फल हमेशा बना रहता है और उसमें कभी कोई कमी नहीं आती है।
अक्षय तृतीया का दिन बहुत शुभ माना जाता है, इस दिन सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। क्योंकि इस दिन पूरे समय अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन कोई भी कार्य करने के लिए पंचांग की जरूरत नहीं पड़ती है। मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सोने चांदी के गहने और मकान, वाहन आदि की खरीदारी करने की परंपरा है। इस दिन सोने के गहनों की जमकर खरीदारी होती है। बहुत से लोग जो किन्हीं कारणवश सोना नहीं खरीद पाते हैं वे इस दिन चांदी की खरीदारी करते हैं। अब सभी के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना ज्यादा शुभ होता है या चांदी खरीदना? इस दिन कौन सी धातु खरीदने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-संपत्ति का आगमन होता है? सोना और चांदी दोनों ही धातुओं का अपना अलग अलग महत्व होता है इसलिए माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना और चांदी दोनों की ही की खरीदारी की जा सकती है।
सोने को मां लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है, इस मान्यता के पीछे पौराणिक कथा है कि देवताओं और असुरों में हुए समुद्र मंथन के दौरान सोना भी निकला था, जिसे भगवान विष्णु ने धारण कर लिया था। इस वजह से इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया। इसी कारण अक्षय तृतीया और धनतेरस के अवसर पर सोना खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि जब सोना या सोने से बने गहने खरीदकर घर लाते हैं तो उनके साथ साथ घर में मां लक्ष्मी का भी आगमन होता है। अक्षय तृतीया को लेकर यह भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी धन, संपत्ति खरीदी जाती है, वह हमेशा साथ बनी रहती है, उसमें कभी कोई कमी नहीं आती है।
चांदी का संबंध शुक्र ग्रह और चंद्रमा से माना जाता है। शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, सुविधाओं, प्रेम और संतान आदि का कारक ग्रह माना जाता है। इसलिए जब चांदी या चांदी की वस्तुएं खरीदकर उनका उपयोग किया जाता है तो इससे जातक का शुक्र और चंद्र दोनों ही ग्रह मजबूत होते हैं। चंद्रमा के मजबूत होने से व्यक्ति मानसिक रूप से बेहद मजबूत बनता है और शुक्र जीवन में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं, प्रेम और ग्लैमर आदि सब देता है। इसलिए कह सकते हैं कि चांदी खरीदना और उसे धारण करना तन, मन और धन से अच्छा होता है।