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तेज इंटरनेट के लिए समुद्र की गहराइयों में बिछ रही 6,600 किमी लंबी केबल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 17 2018 10:48AM | Updated Date: Oct 17 2018 10:55AM
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लंदन। अमेरिकी इंटरनेट कंपनी गूगल और यूके की आॅरेन्ज कम्युनिकेशन फ्रांस से अमेरिका तक समुद्र के अंदर हाईस्पीड इंटरनेट केबल बिछाने का काम कर रही हैं। कुल 6,600 किलोमीटर लंबी लाइन का संचालन वर्ष 2020 तक शुरू हो जाएगा। इस केबल लाइन से 30 टेराबाइट की इंटरनेट स्पीड मिलेगी, जिसका कई देशों को लाभ मिलेगा।
 
फ्रांस के अटलांटिक तट से शुरू होने वाली इस केबल का नाम ख्यात नोबेल पुरस्कार विजेता हेनरी दुनो पर रखा जाएगा। वे अंतरराष्ट्रीय संस्था रेड क्रॉस के संस्थापक थे। गूगल और आॅरेन्ज कम्युनिकेशन कंपनी कई माह से इसकी तैयारियां कर रही थीं। अब उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया है। पिछले 15 वर्ष में अमेरिका-फ्रांस के बीच यह पहली सबमरीन केबल है। हालांकि, गूगल और आॅरेन्ज ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया कि केबल की क्षमता कितनी होगी और वे उसका आवंटन किस तरह करेंगी।
 
सैटेलाइट की तुलना में कई गुना बेहतर
सबमरीन कम्युनिकेशन केबल सैटेलाइट की तुलना में न केवल किफायती, बल्कि उससे मिलने वाली इंटरनेट डाटा स्पीड कई गुना तेज होती है। 99 फीसदी इंटरनेट ट्रांसमिशन का कार्य समुद्र के अंदर बिछी केबलों के जरिये ही होता है। अगर सभी केबलों की कुल लंबाई नापी जाए तो वह लाखों किलोमीटर में होगी। 1854 में पहली अंतर्महाद्वीपीय केबल समुद्र के अंदर बिछाई गई थी। वह संदेश भेजने वाली टेलीग्राफ केबल थी। चार वर्ष बाद उसने पहला संदेश भेजा गया था।
 
गूगल और आॅरेन्ज का निजी प्रोजेक्ट
समुद्र के अंदर केबल बिछाने का यह प्रोजेक्ट गूगल और आॅरेन्ज का पूरी तरह निजी है। गूगल इससे पहले तीन केबल समुद्र के अंदर बिछा चुकी है, जिनका नाम अल्फा, बीटा और क्यूरी है। इनमें अल्फा और बीटा कम दूरी की, लेकिन क्यूरी अधिक दूरी की केबल है। 'क्यूरी' केबल चिली से अमेरिका तक फैली है। यह नाम फ्रांस की नोबेल पुरस्कार प्राप्त मशहूर भौतिक विज्ञानी मैरी क्यूरी पर है। उसका संचालन 2019 में शुरू होने वाला है। इसके बाद गूगल अंतर्महाद्वीपीय केबल शुरू करने वाली पहली नान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी बन जाएगी।
 
क्लाउड बिजनेस में लाभ होगा
गूगल ने कहा कि हम अत्यधिक डाटा स्पीड और उच्च क्षमता के लिए निजी केबल डालने के क्षेत्र में काम कर रहे है। इसका लाभ क्लाउड बिजनेस में काम करने वाली कंपनियों एवं उपभोक्ताओं को मिलेगा। इस केबल के लेन्डिंग पॉइन्ट बेल्जियन और उत्तरी वर्जीनियन डाटा सेंटर होंगे। 
 
इन्हीं पर निर्भर है मौजूदा इंटरनेट
आॅरेन्ज के चेयरमैन एवं सीईओ स्टीफन रिचर्ड ने कहा- सबमरीन केबल की भूमिका अक्सर नजरअंदाज की जाती है, जबकि वर्तमान डिजिटल दुनिया इन्हीं निर्भर है। अमेरिका और फ्रांस को जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट पर मैं गौरवान्वित हूं। गूगल सात अन्य देशों व जगहों पर केबल बिछाएगी।
 
18 वर्ष पहले शुरू हो गई थी सबसे लंबी केबल
39,000 किलोमीटर लंबी आॅप्टिकल सबमरीन केबल अब तक की सबसे लंबी है, उसका कार्य वर्ष 2000 में पूरा किया गया था। वह दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य-पूर्व और पश्चिमी यूरोप को जोड़ती है। फ्रांस और चीन के नेतृत्व वाली इस केबल का प्रशासनिक संचालन सिंगापुर की सिंगटेल करती है। इस केबल का लाभ कई देशों को दूरसंचार एवं इंटरनेट सेवा के रूप में मिलता है। दूरसंचार एवं इंटरनेट सेवा प्राप्त करने के लिए समुद्र के अंदर केबल डालने का काम 25 वर्ष पहले शुरू हो चुका था। वर्ष 2014 तक समुद्र में 285 केबलें बिछाई जा चुकी थीं, उनमें से 22 का अबतक कोई उपयोग नहीं किया गया है। ये 'डार्क केबल' कहलाती हैं।
 
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