काठमांडू। कहते हैं मजबूरी इनसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर सकती है और कुछ लोग ऐसी मजबूरियों का फायदा उठा लेते हैं। पड़ोसी देश नेपाल के होकसे नामक गांव में आई प्राकृतिक आपदा के बाद मुसीबतों से जूझ रहे भोले-भाले लोग कथित रूप से मानव अंगों की तस्करी करने वालों का शिकार हो गए।
हालत यह है कि यहां एक-दो नहीं, बल्कि गांव के लगभग सभी लोग तस्करों के चंगुल में फंसकर अपनी एक-एक किडनी गंवा चुके हैं। इनके साथ हुए इस खौफनाक वाकये की तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं और इस गांव के बारे में दावा किया जा रहा है कि यहां सभी लोग अपनी किडनी बेच चुके हैं।
बताया जाता है नेपाल में वर्ष 2015 में आए भूकंप के बाद कई लोगों के घर ढह गए थे। नए घर का निर्माण व पुराने की मरम्मत आदि के लिए उन्हें पैसों की सख्त जरूरत थी। सरकारी स्तर पर कोई मदद न मिलने पर मानव अंगों की तस्करी करने वाले तथाकथित लोगों ने इसका फायदा उठाते हुए गांववासियों को एक किडनी के बदले एक लाख रुपए देकर यह कहते हुए उनका आॅपरेशन कर किडनी निकाल ली कि उनके शरीर में दोबारा नई किडनी आ जाएगी। सूत्रों के मुताबिक ये किडनी तस्कर काठमांडू से आते हैं और लोगों को बहला-फुसलाकर उनकी किडनी निकाल लेते हैं। बड़ी संख्या में यहां के लोगों की किडनी निकाले जाने से अब इस गांव को लोग किडनी वैली के नाम जानने लगे हैं।
काफी पिछड़ा इलाका है होकसे गांव
होकसे गांव को आर्थिक और सामाजिक तौर पर काफी पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता है। इस गांव में शिक्षा का स्तर काफी निम्न है। मानव अंग तस्करों ने यहां के लोगों को झांसा दिया कि उनके शरीर में किडनी फिर से उग जाएगी। कम पढ़े-लिखे लोगों ने उनके इस बहकावे में आकर अपने शरीर का अमूल्य अंग बेच डाला।
सरकार ने नहीं की कोई मदद
गांव के लोगों का आरोप है कि भूकंप से हुई तबाही के बाद सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। सरकार की उपेक्षा के चलते उन्हें मजबूरी में ऐसा कदम उठाना पड़ा। इस मामले की खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में आने के बाद यहां के लोगों की तस्वीरें और दर्दभरी कहानियां पूरी दुनिया में देखी-पढ़ी जा रही हैं। हालांकि इतना सब होने के बाद सरकार ने सख्ती दिखाई और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।