अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को अपना निशाना बनाने वाले दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन का अंत बेहद ही खौफनाक तरीके से हुआ। जिसका जिक्र लादेन की चौथी पत्नी अमाल बिन लादेन के मुताबिक कैथी स्कॉट क्लार्क और एंड्रिन लेवी ने अपनी किताब 'द एग्जाइल' में किया है।
किताब के मुताबिक लादेन के अंत वाली रात उसकी चौथी पत्नी अमाल अपने छह बच्चों के साथ पाकिस्तान के एबटाबाद में मौजूद थी उसके अलावा मकान में लादेन की दूसरी बीवी खैरियाह और तीसरी बीवी सेहम और 22 साल का बेटा खालिद भी मौजूद था।
अमाल ने बताया था कि एक मई 2011 को खाना खाने और नमाज के बाद रात के 11 बजे सब सो गए थे। ओसामा उस वक्त उसके साथ ही सोया था। इसी दौरान अचानक बिजली चली गई। हालांकि उस इलाके में बिजली कटौती आम थी, लिहाजा इस कटौती की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। चारों तरफ अंधेरा पसरा था, बिजली जाने के बाद अमाल की नींद खुल गई। अमाल ने घर के बाहर और छत पर किसी के कूदने की आवाज सुनी। साथ ही, खिड़की से उसे दौड़ते-भागते लोगों की परछाइयां नजर आईं। इसी बीच लादेन भी उठ गया और बेहद डरा हुआ था। उसने हांफते हुए कहा कि अमेरिकी आ रहे हैं। तभी इतनी तेज आवाज आई कि पूरा घर हिल गया।
अमाल ने बताया था कि उन्होंने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और बालकनी में पहुंचे, लेकिन अंधेरी रात के चलते कुछ भी देखना नामुमकिन था। उनकी नजरों से दूर यूएस मिलिट्री ब्लैक हॉक्स और 24 नेवी सील के अफसर नीचे लॉन और कम्पाउंड में मौजूद थे। तीसरी पत्नी सेहम और खालिद ऊपर दूसरी बालकनी में खड़े देख रहे थे कि अमेरिकी जवान उन तक पहुंचे रहे हैं। लादेन ने बेटे को बुलाया और खालिद ने हाथ में एके-47 उठाई। हालांकि, अमाल जानती थी कि उसने 13 साल की उम्र में गोली नहीं चलाई है।
इधर, अमाल और सेहम धमाके की आवाजें सुनकर रो रहे बच्चों को चुप करानें लगीं। इसके बाद सभी बच्चों को लेकर वो दोनों सबके ऊपर की फ्लोर पर पहुंच गईं। इसी दौरान जोरदार ब्लास्ट की आवाज आई। सील के अफसर घर का मेन गेट उड़ा चुके थे। तभी लादेन ने कहा कि वो मुझे मारना चाहते हैं, तुम सबको नहीं। उसने अपने परिवार को नीचे जाने के लिए कहा। इसके बाद भी सबसे बड़ी बेटी मरियम और सुमाया बालकनी में छिपी रहीं, जबकि तीसरी वाइफ सेहम और बेटा खालिद सीढ़ियों से नीचे उतर गए, लेकिन ओसामा नीचे नहीं उतरा। अमाल, बिन लादेन और उसका छोटा बेटा हुसैन अब भी कमरे में थे। इधर, सील के जवान हाल तक पहुंच चुके थे और ऊपर आने के लिए ब्लास्ट कर दरवाजा भी उड़ा दिया था। अमाल ने बताया कि फोर्स का एक मेंबर अरबी बोल रहा था और उसने खालिद को देखकर उसे आवाज दी, खालिद ने आवाज सुनकर बालकनी से जैसे ही नीचे देखा उसे गोली मार दी। सुमाया और मरियम सील के जवानों से भागने की कोशिश में ही थीं, लेकिन अरबी बोल रहे जवान ने उन्हें पकड़कर दीवार पर दे मारा। सील अफसर रॉबर्ट ओ नील लादेन के कमरे में दाखिल हुआ। अमाल लादेन के सामने खड़ी हुई थी। तभी अंदर घुस रहे दूसरे सील अफसर ने उसे गोली मारी। अमाल दर्द से तड़पकर बेड पर गिर गई और ऐसा दिखाने की कोशिश करने लगी कि जैसे उसकी जान निकल गई है। इसके बाद एक के बाद एक नेवी सील के जवान कमरे में घुसे और लादेन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस घटना के चश्मदीद लादेन के छोटे बेटे हुसैन को सील ने पकड़ लिया और उसके चेहरे पर पानी फेंका।
सील ने लादेन की बेटी मरियम और सुमाया को पकड़ा और डेड बॉडी के पास ले जाकर उसकी पहचान करने के लिए बोला। पहले मरियम ने नकली नाम लिया, लेकिन सुमाया ने उसे टोकते हुए कहा कि इन्हें सच्चाई बताओ, ये कोई पाकिस्तानी नहीं है। फिर मरियम ने बताया कि ये मेरे पिता ओसामा बिन लादेन हैं। अमाल के मुताबिक, इन सबके बाद भी 11 साल की बेटी साफिया बालकनी में छिपी बैठी थी, जिसे सील अफसरों ने पकड़ लिया और उससे भी लादेन की पहचान करवाई। उसने जोर रोते हुए बताया कि ये उसके पिता हैं । इसके बाद खैरियाह को पकड़कर सील के अफसरों ने उससे भी लादेन की पहचान करवाई। फिर अरबी बोलने वाले सील ने कहा कि बच्चे ने भी कंफर्म कर दिया और बूढ़ी महिला ने भी।
पहचान होने के बाद जवान लादेन की डेडबॉडी को घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे ले गए। उसका बेटा खालिद सीढ़ियों पर मरा पड़ा था और उसकी मां ने उसे चूमने की कोशिश की, लेकिन जवानों ने उसे खींचकर किनारे कर दिया। सील अफसरों ने लादेन की बॉडी हेलिकॉप्टर में रखी। इधर, अमाल ने अपने बेटे हुसैन को बाहों में लिया और तभी उसे बाकी अमेरिकी ब्लैक हॉक्स के भी उड़ने की आवाज सुनाई दी। इन सबके कुछ मिनट बाद ही अमाल ने पड़ोसियों के चिल्लाने की आवाज सुनी, वो जोर-जोर से चिल्लाकर पूछ रहे थे कि अब घर में कौन जिंदा बचा है।