राजस्थान में एक शादी काफी चर्चा में है। यहां के करौली जिले में हुई इस अनोखी शादी ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। दरअसल यहां पर एक 83 साल के बुजुर्ग ने 30 साल की लड़की के साथ शादी रचाई। इस शादी की खास बात यह है कि यह विवाह बुजुर्ग की पहली पत्नी की रजामंदी से हुआ है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर पहली पत्नी के होते हुए बुजुर्ग ने दूसरी शादी क्यों की।
करौली जिले के गांव सैंमरदा के निवासी सुखराम बैरवा जब शनिवार को घोड़ी पर दूल्हा बन चढ़ें तो गांवों में हजारों की संख्या में लोग जमा होकर देखने लगे। दरअसल सुखराम राहिर गांव में अपने से 53 साल छोटी दुल्हन को ब्याहने निकले थे। उनकी निकासी में गांव के पंच पटेल सहित उनकी पहली पत्नी बत्तो देवी और उनकी दोनों बेटियां नाचते-झूमते शामिल हुए। सुखराम के चेहरे पर भी खुशी दिख रही थी।
सुखराम बैरवा ने राहिर गांव की रहने वाली रमेशी बैरवा शनिवार को धूमधाम से शादी की। यह शादी हिन्दू रीति रिवाज से संपन्न हुई। शादी के निमंत्रण पत्र से लेकर लग्न, चाक-भात सहित सभी रीति रिवाज किए गए। इतना ही नहीं सुखराम बैरवा ने अपनी शादी में 12 गांवों को दावत दिया था। शनिवार को रमेशी बैरवा के साथ शादी करने के लिए पूर्व उनकी बिंदौरी भी निकाली गई।
दरअसल सुखराम बैरवा एक पुत्र के लिए रमेशी बैरवा से शादी की है। दरअसल सुखराम के दो पुत्री हैं। जबकि उनके एकलौते बेटे की 30 साल की उम्र में बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। इसलिए सुखराम ने अपनी पत्नी बत्तो और पूरे परिवार की रजामंदी से 53 साल छोटी रमेशी बैरवा से शादी की है।
आपको बता दें कि सुखराम बैरवा ने जिस महिला से शादी की है वह मानसिक रुप से अस्वस्थ बताई जा रही है। रमेशी बैरवा की छह और बहनें है। सभी की शादी हो चुकी है। जबकि रमेशी बैरवा का एक भाई था। उसकी भी कई साल पहले मौत हो चुकी है। वहीं ग्रामीणों का कहना है सुखराम बैरवा आर्थिक रुप से काफी संपन्न है। गांव में काफी जमीन-जायदाद होने के साथ दिल्ली में भी एक घर है। वहीं उनकी पहली पत्नी इस शादी से काफी खुश है।