टी राजा की कहानी कभी चोरी, लूटमार और जुआ खेलने जैसे कामों से भरी हुई थी। एक बार राजा ने घर से ही पैसा चुरा लिया तो उनके घरवालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। लेकिन एक चोर दूसरों की मदद करने वाला नेकदिल आदमी कैसे बन सकता है, इसकी मिसाल हैं राजा। राजा को जब अहसास हुआ कि दूसरों की मदद करना ही असली सुख है तो उन्होंने अपनी जिंदगी ही बदल डाली। राजा दो साल तक बेंगलुरु की सड़कों पर भिखारियों की तरह रहे। दो साल बाद वह बेंगलुरु से चेन्नई आ गए।
धीरे-धीरे यहां वह चोरी में भी लिप्त हो गए और एक बार पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद जेल भेज दिए गए। जेल में रहकर उन्हें अहसास हुआ कि ऐसी जिंदगी का कोई मतलब नहीं है। जेल से छूटने के बाद राजा बेंगलुरु वापस आए और अपने परिवार से एक मौका और देने की गुजारिश की। राजा फिर से अपनी एक नई जिंदगी शुरू करना चाहते थे। उन्होंने आॅटोरिक्शा और टैक्सी चलाना शुरू किया। उन्होंने आॅटोरिक्शा यूनियन में बॉडीगार्ड के तौर पर भी काम किया।
राजा ने 1997 में गरीबों की मदद के लिए न्यू आर्क मिशन आॅफ इंडिया (एनएएमआई) नामक एक संगठन बनाया। सबसे पहले उन्होंने एसपी रोड से एक वृद्ध बेसहारा महिला को उठाया और अपने घर लाए। वह महिला आधे कपड़ों में थी और उसके चारों ओर मक्खियां उड़ रही थीं। उसके शरीर पर कई घाव भी थे।
यहां से राजा की यात्रा शुरू हुई। राजा ने महिला के घावों को साफ किया और उन पर दवा लगाई। उसे नए कपड़े दिए और घर में रखकर उसकी सेवा करते रहे। बुजुर्ग महिला की सेवा से जो संतुष्टि उन्हें मिली तो फिर उन्होंने सेवा के क्षेत्र में मुड़कर पीछे नहीं देखा। राजा आज लगभग 700 लोगों की मदद कर रहे हैं। वह इन सारे लोगों को तीन टाइम का खाना देते हैं उन्हें मेडिकल की सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं, छोटे बेसहारा बच्चों के शिक्षा की व्यवस्था करते हैं। ये सब राजा लोगों से मिलने वाले चंदे से करते हैं उन्हें सरकार की ओर से भी थोड़ी बहुत मदद मिल जाती है।
अभी राजा की सबसे बड़ी मुश्किल पानी की है। वह हर महीने 40 से 50 हजार रुपए सिर्फ पानी खरीदने में खर्च कर देते हैं। 45 साल के रियल एस्टेट कंसल्टेंट रेजी कोशी ने राजा की मदद करने का फैसला लिया है। उन्होंने राजा से मिलकर बोरवेल लगवाने की सलाह दी है और वह मानते हैं कि इससे राजा की पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। राजा कहते हैं, ‘मैं उस दिन की कल्पना करता हूं जब कोई बेसहारा सड़कों पर नहीं भटकेगा।’