नई दिल्ली। भारतीय मूल की एक वैज्ञानिक ने एक ऐसा सेंसर बनाया है जिसके जरिए मुश्किल हालात में आसपास के लोगों और जान-पहचान के लोगों को मैसेज भेजकर अर्ल्ट किया जा सकता है। इस सेंसर को कपड़े पर स्टीकर की तरह लगाया जा सकता है। इस सेंसर में एक ब्लूट्रुथ लगा है जो कि स्मार्टफोन एप से जुड़ा होता है। सेंसर का एक वीडियो भी एमआईटी मीडिया लैब की तरफ से यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया है जिसे 2 लोग से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
दो तरीके से काम करता है सेंसर
यह सेंसर मनीषा मोहन ने बनाया है जो कि MIT (Massachusetts Institute of Technology) की स्टूडेंट हैं। यह सेंसर जबरन शरीर से कपड़ों को हटाने की गतिविधि को भांपकर आसपास को लोगों, दोस्तों और परिवारवालों को मैसेज भेजता है। यह सेंसर दो तरीके से काम करता है - पैसिव और एक्टिव मोड में।
कपड़े में कैसे लगा है स्टिकर
इस स्टिकर को लड़की इनरवियर में लगा सकती है। ब्रा में स्टिकर की तरह प्रवाहशील स्तर और हाइड्रोशील जेल लगा है। यदि कोई इस हाइड्रोशील जेल लगे ब्रा को बलपूर्वक खींचने की कोशिश करेगा तो ये लेयर एक्टिव हो जाएगा। फिर यूजर के फोन पर एक अलर्ट भेजेगा और तेज अलार्म देगा।
क्या है सेंसर
यह सेंसर जबरन शरीर से कपड़े हटाने की गतिविधि को भांपकर आसपास के लोगों, दोस्तों व परिवार को अलर्ट भेजेगा। पीड़िता लड़ने की स्थिति में नहीं है या छोटी बच्ची है तो ऐसी स्थिति में यह सेंसर उसके परिवार और दोस्तों तक अलर्ट भेज सकता है। यह सेंसर दो मोड्स में काम करेगा। पैसिव और एक्टिव मोड। पैसिव मोड में यह मैनुअली काम करता है। लड़की इसका बटन दबाकर आसपास के लोगों को अलर्ट कर सकती है। अलर्ट भेजने पर तेज अलार्म बजेगा या दोस्तों को कॉल लग जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ये ब्लूटूथ स्मार्टफोन ऐप से जुड़ा होता है।
क्या कहना है मनीषा का?
मनीषा ने कहा कि लड़कियों को घर में कैद रखने से अच्छा है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि चेन्नई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए जो अनुभव उन्हें हुए, उसके बाद ही उसे यह ख्याल आया। नए एप के जरिये न केवल महिलाओं बल्कि स्कूल जाने वाली छात्राओं, शारीरिक रूप से विकलांगों को भी रेप से बचाया जा सकता है। मोहन ने कहा कि हमें बॉडी गार्ड की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे पास खुद की सुरक्षा करने की क्षमता होनी चाहिए।