20 Apr 2024, 17:15:26 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
zara hatke

विदेशी छात्रा की मदद से 1000 लोगों को मिली बिजली

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 20 2017 9:48AM | Updated Date: Jul 20 2017 9:48AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

उत्तर प्रदेश के सर्वांतर गांव में लगभग 100 घरों में आज बिजली की रोशनी चमचमा रही है। ग्रामीणों को अब बल्ब जलाने, फोन चार्जिंग और पंखे चलाने के लिए बिजली आने का इंतजार नही करना पड़ता। इसका पूरा श्रेय इंग्लैंड की एस्टीम्ड इम्पीरियल कॉलेज की छात्रा क्लेमेंटाइन चैम्बन को जाता है। दरअसल क्लेमेंटाइन चैम्बन ने मिनी सोलर (सौर ऊर्जा) ग्रिड स्थापित करके लगभग 1000 लोगों को बिजली मुहैया कराई है। क्लेमेंटाइन केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में पीएचडी फाइनल ईयर की छात्रा हैं। क्लेमेंटाइन ने प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से बायोमास पॉवर में मास्टर्स डिग्री भी हासिल की है। वह सोशल उद्यम स्टार्टअप कंपनी ‘ऊर्जा’ के साथ मिलकर काम कर रही हैं। 
 
आज देश में गैर-पारंपरिक ऊर्जा का भी भरपूर उत्पादन हो रहा है और यह सौर ऊर्जा के बहुत बड़े बाजार के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। ‘ऊर्जा’ सोशल स्टार्टअप की स्थापना 2015 में क्लेमेंटाइन और उनके सहयोगी भारतीय उद्यमी अमित रस्तोगी ने मिलकर की थी। इस स्टार्टअप का उद्देश्य उन लोगों तक बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना था जिनके गांव में लाइट नहीं पहुंच सकी है। इसके साथ ही वे स्थायी आर्थिक विकास के लिए भी सोच रहे थे।
 
क्लेमेंटाइन ने अपना प्रोजेक्ट सफल होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, हम ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी देखकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। उनके बच्चों को पढ़ने के लिए अब बिजली मिल रही है। उम्मीद है कि स्कूल में एक कम्प्यूटर सेंटर भी खुल जाएगा तब इस गांव के बच्चे कम्प्यूटर सीख सकेंगे। अब लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए पांच किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। क्लेमेंटाइन बताती हैं कि सोलर पॉवर प्लांट लग जाने से किसानों को सिंचाई के लिए डीजल पंप पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब सिंचाई की उनकी सारी जरूरतें सोलर पंप से ही पूरी हो जाएंगी। सोलर सिस्टम के आने के बाद गांव में सिंचाई के लिए ऐसे पंप की मांग काफी बढ़ गई है। क्लेमेंटाइन आने वाले समय में ऐसे ही कुछ और गांवों में सोलर पॉवर प्लांट स्थापित करेंगी। इस प्रोजेक्ट के तहत सोलर प्लांट लगाने के बाद हर घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाते हैं और रियल टाइम बिजली की खपत मापी जाती है। इस डेटा को ‘ऊर्जा’ कंपनी अपनी सर्विस को और बेहतर करने के काम में लाएगी।
 
इम्पीरियल कॉलेज आॅफ लंदन के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के अगले चरण के तहत सोलर एनर्जी और बायोमास से बिजली के उत्पादन के लिए हाइब्रिड मिनी ग्रिड स्थापित किए जाएंगे। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इससे बड़े पैमाने पर बिजली की सप्लाई सुलभ हो सकेगी और आटा चक्की, सिलाई, वॉटर सप्लाई जैसे छोटे-छोटे उपक्रमों को लाभ हो सकेगा। क्लेमेंटाइन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर काम कर पिछड़े समाज में सोशियोइकोनॉमिक और पर्यावरण से जुड़ा बड़ा बदलाव ला रही हैं। ऊर्जा टीम 2018 तक और मिनी ग्रिड स्थापित करने के लिए फंड जुटा रही है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »