23 साल की लड़की के परिजन की एक ख्वाहिश थी। बेटी का जब ब्याह हो तो वह घोड़ी चढ़े। मगर जिला पाली राज्स्थान के गुढ़ा दुर्जन गांव में इससे पहले किसी दलित ने ऐसा दुस्साहस तो नहीं ही किया था। वहीं दुल्हन बनने जा रही लीला मेघवाल और उसके परिवार को संभवत: ऊंची जाति के कुछ रसूखदारों ने धमकी भी दे दी थी कि घोड़ी पर सवार होने के बारे में नहीं सोचे।
इसके बाद लीला के परिवार वालों ने पुलिस संरक्षण लेने का फैसला किया। पुलिस अधिकारियों की एक टीम गांव में पहुंची और लीला ने घोड़ी पर सवार होने का अपना सपना पूरा किया। दुल्हन के घोड़ी पर सवार होकर बाना निकालने की रस्म बीते रविवार की रात धूमधाम से संपन्न हुई। इसके लिए स्थानीय पुलिस का भी शुक्रिया अदा करना पड़ेगा की गांव में किसी दलित परिवार द्वारा दिखाए गए ऐसे साहस के लिए पूरा संरक्षण प्रदान किया गया। खिनवारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी राजूराम सिर्वी कहते हैं मेघवाल परिवार वधु के घोड़ी पर सवार होकर ‘बाना’ निकालने के लिए संरक्षण माना था जो दिया गया। सोमवार को लीला के फेरे हिम्मतराम के साथ पुलिस संरक्षण के साथ संपन्न हुए।