अहमदाबाद। गुजरात में एक ऐसी कंपनी है, जहां कर्मचारियों की सैलरी 10 से 20 हजार रुपए के बीच है, लेकिन सभी करोड़पति हैं। यह बात आपको थोड़ी अटपटी लग सकती है, लेकिन यह 100 फीसदी सच है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अनोखी कंपनी रविराज फोइल्स लिमिटेड साणंद में है। दिलचस्प बात यह है कि यहां मजदूरी तक करने वाले कर्मचारियों के खाते में करोड़ रुपए हैं। अब आप सोच रहे हैं होंगे भला ऐसा कैसे हो सकता है। इस इलाके में गुजरात सरकार ने चार हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसके लिए 2000 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। रविराज फोइल्स के प्रबंध निदेशक जयदीपसिंह वाघेला का कहना है कि इस इलाके में लोगों के पास आमदनी का दूसरा स्रोत नहीं है। कंपनी ने अपने वादे के मुताबिक जिन लोगों की जमीन ली थी उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी पर रखा है।
कैसे बन गए करोड़पति
कंपनी ने साणंद में फैक्टरी के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था। कंपनी ने जिन लोगों की जमीन ली उन्हें फैक्टरी में नौकरी भी दी है। जमीन अधिग्रहण में मुआवजे के तौर पर लोगों को करोड़ों रुपए मिले हैं। साथ ही वे योग्यता के आधार पर फैक्टरी में सुपरवाइजर, सिक्योरिटी गार्ड, फोन मैन, मजदूर की नौकरी भी करते हैं। फैक्टरी में 300 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें 150 के बैंक खाते में करोड़ से ज्यादा रुपए हैं।
ब्याज से चल जाता है घर
कंपनी में मशीन ऑपरेटर धर्मेंद्र सिंह वाघेला का वेतन 15 हजार रुपए है, पर बैंक खाते में करीब दो करोड़ रुपए हैं। स्टोर असिस्टेंड जगदीश राठौड़ को 12 हजार रुपए महीने मिलते हैं, लेकिन खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपए हैं। स्टोरकीपर नरेंद्र सिंह बराड की सैलरी 11 हजार रुपए है, जबकि उन्हें जमीन बेचने पर चार करोड़ रुपए मिले हैं। सारे करोड़पति कामगारों ने पैसों को बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट करवा रखा है। ब्याज से उनके परिवार का खर्च चलता है और नौकरी के पैसे अन्य जरूरतें पूरी होती हैं।