नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश चीन के इंजीनियर इन दिनों एक ऐसा सुपर कंप्यूटर बना रहे हैं, जो मौजूदा वक्त के सभी सुपर कंप्यूटर से भी आठ गुना तेज होगा। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों ने इस सुपर कंप्यूटर का तीसरा प्रोटोटाइप विकसित करने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रोटोटाइप को जून 2018 तक लांच कर दिया जाएगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह सुपर कंप्यूटर 2020 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। चीन का यह सुपर कंप्यूटर शैनडोंग प्रांत के जिनान में स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ पैरेलल कंप्यूटर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और नेशनल सुपरकंप्यूटिंग सेंटर में तैयार किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इस सुपर कंप्यूटर का नाम सनवे रखा है।
इस कंप्यूटर से क्या करेगा चीन
न्यूज के मुताबिक चीन इस सुपर कंप्यूटर की मदद से जनहित के कार्य में उपयोग करेगा तय कार्यक्रम के मुताबिक चीन इससे चिकित्सा, समुद्र और मौसम के क्षेत्र में काम लेगा। इसके अलावा इसका उपयोग अंतरिक्ष शोध से जुड़े कार्यों में भी लिया जाएगा।
सबसे तेज सुपर कंप्यूटर
दुनिया भर में मौजूद सुपर कंप्यूटरों में सबसे तेज गणना करने वाला सुपर कंप्यूटर चीन के पास ही है। टॉप टेन सुपर कंप्यूटर की बात करें तो चीन के 'सनवे ताइहूलाइट' की गति 93 पेटाफ्लॉप्स है। दूसरे नंबर पर भी चीन का तियानहे-2 है. इसकी क्षमता भी 33.9 पेटाफ्लॉप्स है। मालूम हो कि एक पेटाफ्लॉप्स का अर्थ है महज एक सेकेंड में 1,00,00,00,00,00,00,000 फ्लोटिंग प्वाइंट ऑपरेशंस की क्षमता।
सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में भारत काफी पीछे
सुपर कंप्यूटर बनाने के मामले में भारत काफी पीछे है। फिलहाल भारत के पास सहस्र टी नाम का सुपर कप्यूंटर है, लेकिन इसी क्षमता महज 0.90 पेटाफ्लॉप्स है। भारत के वैज्ञानिक इन दिनों एक सुपर कंप्यूटर तैयार कर रहे हैं, जिसे इसी महीने तैयार करने की बात हो रही है। तैयार होने के बाद इस कंप्यूटर की क्षमता 10 पेटाफ्लॉप्स होगी। माना जा रहा है कि इसे दुनिया के 10 सबसे तेज सुपर कंप्यूटर्स में जगह मिल सकती है। सरकार इस सुपर कंप्यूटर पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।