कई लोग अपनी गरीबी की वजह से जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस की सेवाएं नहीं ले पाते। अपने प्रियजन के शव को कांधे पर रखकर कई किलोमीटर ले जाने की दर्दनाक खबरें भी हम तक पहुंचती रहती हैं। हैदराबाद के गैरेज मालिक मोहम्मद शाहज़ोर खान ने ऐसे समाचारों से व्यथित होकर कुछ करने की ठानी।
शाहज़ोर कहते हैं, ‘मैंने अखबार में खबर पड़ी कि एक गरीब पति को अपनी पत्नी की लाश को कंधे पर उठाकर जाना पड़ा। इस तरह की कई घटनाओं के बारे में जानकर मैं उनके लिए कुछ करना चाहता था। मेरे दिमाग में एक टू-व्हीलर एम्बुलेंस का आइडिया आया और इस पर मैंने फौरन काम शुरू कर दिया।’
इस एम्बुलेंस में एक आॅक्सीजन सिलेंडर और स्ट्रेचर की व्यवस्था है। ऊपर नीले रंग की लाइट और सीट के नीचे एक फर्स्ट-एड-किट इसे एक पूर्ण एम्बुलेंस बनाते हैं।इस एम्बुलेंस को पूरा बनाने में खान को 35 दिन का वक्त और तकरीबन 110000 रुपए का खर्च लगा है।
खान का इरादा जल्द ही सरकार से संपर्क कर बड़े पैमाने इस तरह की एम्बुलेंस निर्माण करने का आग्रह करने का है जो कि किफायती भी हैं और इन्हें ग्रामीण इलाकों में सेवा पर लगाया जा सकता है। खान हैदराबाद में एक गैरेज चलाते हैं जिसका नाम डेक्कन मोटरसाइकिल है। इसकी स्थापना उनके स्वर्गीय पिता मोहम्मद नवाज़ खान ने 1951 में की थी। खान कहते हैं 20 साल से मैं यह काम कर रहा हूं, अब समाज के लिए भी कुछ करना चाहता हूं।