आगरा। पूरा परिवार बिकाऊ है, बदले में मेरी बेटी का इलाज करा दो। ऐसी बात कोई बेबस और मजबूर बाप ही कह सकता है। पाई-पाई से महरूम स्कूल टैक्सी चलाकर जिंदगी जी रहा आगरा निवासी संतोष शुक्रवार को अपने परिवार के साथ सांसद राम शंकर कठेरिया के आवास पहुंचा और अपनी बेटी की इलाज के लिए पूरे परिवार को बेचने की इजाजत मांगी। हाथों में पोस्टर और आंखों में आंसू लिए यह परिवार सांसद के बंगले क बाहर खड़ा रहा। आते-जाते लोगों ने भी जब इनकी व्यथा सुनी तो उनकी आंखों से अश्रुधारा निकल पड़ी।
समय का पहिया ऐसा घूमा कि आज अपनी संतानों के खातिर ये दोनों पति-पत्नी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। स्कूल वैन चलाकर संतोष जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजारा कर रहा है। अब इतने कम पैसों में वो अपनी पांच साल की मासूम बेबो का इलाज कैसे कराए जो कि थेलेसीमिया जैसी बीमारी से पीड़ित है। बेबो का हर 15 दिनों में खून बदला जाता है, जिसमें संतोष की पूरी तनख्वाह खर्च हो जाती है।
बेटे को भी है लकवा
संतोष का परिवार अब पूरी तरह से टूट चुका है। उसकी बेटी के साथ-साथ उसके बेटे को भी लकवे की बीमारी है, उसका तो इलाज जैसे-तैसे ये लोग कर रहे हैं पर बेटी का इलाज अब होना मुश्किल होता जा रहा है। इसकी वजह से ये परिवार सासंद कठेरिया से बिकने की इजाजत मांग रहा है और इसके बदले में वो केवल बेटी का इलाज चाहते हैं।