मुंबई। मौजूदा दौर में कामकाज से जुड़े तनाव या पढ़ाई और नतीजों सहित कई तरह के मानसिक दबावों के चलते देश के युवा वर्ग में आत्महत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। देश में विद्यार्थियों की खुदकुशी के लिए सबसे बदनाम जगह बनकर उभरा है कोचिंग हब कोटा जहां पिछले छह साल के दौरान 60 युवा अपनी जान दे चुके हैं। परिवार की उम्मीदों और पढ़ाई-लिखाई से जुड़े तनावों के तनाव में आत्महत्या करने वाले अधिकांश विद्यार्थी अपनी जीवन की लीला समाप्त करने के लिए पंखे से लटककर फांसी लगाने का तरीका अख्तियार करते हैं।
इस तरह से की जाने वाली आत्महत्याओं की तादाद को कम करने के लिए एक व्यक्ति ने अपने एक आविष्कार के जरिए इस त्रासद समस्या का हल खोजने में पहला सरल मगर महत्वपूर्ण कदम शायद उठा लिया है। क्रॉम्पटन ग्रीव्ज़ के रिटायर्ड जनरल मैनेजर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शरद अशानी ने अपने नाम पर एक ऐसे पंखे का पेटेंट कराया है जिस पर लटककर जान देना मुमकिन नहीं है। इस प्रोडक्ट के 500 सफल ट्रायल हो चुके हैं और अब कोटा के होस्टलों में इसकी डिलिवरी की शुरुआत हो चुकी है।
ऐसा है ये फैन ऐसे आया दुनिया बदल देने वाला आइडिया
साल 2004 में मॉडल नफीसा जोसफ ने मुंबई के वर्सोवा स्थित अपने फ्लैट में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली थी। अशानी को इसी घटना से अपने आविष्कार का आइडिया आया। अशानी के शोध से उन्हें पता चला कि आत्महत्या करने वाले 1.3 लाख लोगों में से 60 हजार ने पंखे से लटकने का तरीका अपनाया है। इस संकेत से उन्होंने एंटी-सुसाइट रॉड बनाने की ठान ली। कोटा होस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरे राजस्थान में अशानी के रॉड्स लगाना चाहते हैं वहीं खुद अशानी को उम्मीद है कि एक दिन हर पंखे में यह रॉड्स इस्तेमाल की जाएंगी। इसकी कीमत 250 रुपए भी कम ऐसी है कि हर किसी के