सिरोही। शादी के बाद हर लड़की हो अपना घर छोड़कर ससुराल जाना पड़ता है। लेकिन राजस्थान के सिरोही में इसका उल्टा होता है। जी हां, यहां पर शादी के बाद दुल्हन ससुराल नहीं बल्कि दूल्हे अपने ससुराल आता हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि दूल्हों को घर-जमाई वाले ठाठ मिलते हैं तो आप गलत हैं, बेटी के पति को ससुराल में घर का सारा काम करना पड़ता है।
रेबाड़ी समुदाय ने सदियों से चली आ रही परंपरा में थोड़ा बदलाव किया है, यहां शादी के बाद लड़कियां अपना घर नहीं छोड़तीं, बल्कि लड़के अपने माता-पिता का घर छोड़ बीवी के घर में रहते हैं।
रेबाड़ी समुदाय में डिमांड-सप्लाई गैप है, जिसकी वजह से यह बदलाव किया गया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि शादी के बाद वर हमेशा के लिए वधु के घर रहता है। शादी के सात साल पूरे होने के बाद वधु को ससुराल भेज दिया जाता है। सात वर्षों तक बेटी का पति अपने सास-ससुर के घर के काम करता है, वे जैसे चाहें उसे वैसे रख सकते हैं।
रेबाड़ी लोग झुंडों में एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं, ये लोग बेटों को प्राथमिकता देते हैं, इसी वजह से इस समुदाय में लड़कियां कम हैं। वे कहते हैं कि पशुओं को चराने के लिए उन्हें इधर-उधर जाना पड़ता है, जिसकी वजह से लड़कियों की सुरक्षा उनके लिए अहम मुद्दा बन जाता है। यही वजह है कि बेटों को प्राथमिकता दी जाती है।
सोसायटी ऑफ ऑल राउंड डिवेलपमेंट(SARD), सिरोही के सदस्य बृजमोहन शर्मा ने बताया, 'इस समुदाय में सेक्स रेश्यो 634। इस घटते रेश्यो से निपटने के लिए ये लोग अपने ही तरीके निकाल रहे हैं, जो इनके शादी-ब्याह के मामलों में दिखाई देता है। इस समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सूर्ता राम देवासी ने कहा, 'यहां शादी के लिए कुछ शर्तें माननी पड़ती हैं।