वर्बेनिया। दो विश्वयुद्ध, आर्थिक महामंदी, फासीवाद, वेटिकन के 10 पोप और अपने देश की 90 सरकारें देखने के बाद आखिरकार दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला एमा मोरेनो (117) ने सबको अलविदा कह दिया। एमा मोरेनो ने शनिवार को इटली के वर्बेनिया में आखिरी सांस ली। मौत मानो 29 नवंबर 1899 को पैदा हुई एमा का पता भूल ही गई हो। जब आखिरी घड़ी आई तो एमा अपने घर पर कुर्सी में आराम से लेटी हुई मिलीं। उनके डॉक्टर के मुताबिक वह शुक्रवार को एमा से मिले थे। एमा ने उनका शुक्रिया अदा किया था।
एमा ऐसे दौर में जवान हुर्इं, जब दुनिया के हालात अच्छे नहीं थे। उनका मंगेतर पहले विश्व युद्ध में मारा गया था। उन्हें जबरन ऐसे शख्स से शादी करनी पड़ी, जो उनके साथ क्रूरता से पेश आता था। मुसोलिनी के फासीवाद के दौर में महिलाओं से उम्मीद की जाती थी कि वो पति का हर हुक्म मानें, फिर भी एमा ने अपने पति को 1938 में छोड़ दिया। इसके बाद उन्हें अपने छह महीने के बच्चे की मौत देखनी पड़ी। बावजूद एमा कहती थीं कि जवानी का वक्त उनका सबसे हसीन दौर था, क्योंकि तब वो डांस कर सकती थीं।
जींस में छुपा लंबी उम्र का राज
एमा को 19वीं सदी की आखिरी जिंदा इंसान माना जाता रहा। वो कहती थीं कि उनकी लंबी उम्र का राज उनके परिवार की जींस में छिपा है। उनकी मां 91 साल तक जिंदा रहीं। उनकी एक बहन ने 102 साल की उम्र में दुनिया को विदा कहा था। दूसरी बहन ने भी जिंदगी का शतक लगाया था।