टोक्यो। जापान में रहने वाले विदेशियों के साथ बहुत बड़े स्तर पर भेदभाव होता है, जिसका खुलासा एक सर्वेक्षण में हुआ। इसमें कहा गया है कि यहां रहने वाले 40 फीसदी छात्रों को घर मिलने में दिक्कतें होती है तथा एक तिहाई लोगों को नौकरी में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
जस्टिस मंत्रालय के सर्वेक्षण में पिछले पांच साल में यहां विदेशियों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर किया गया है। जिन लोगों को नौकरी देने से मना किया जाता है, उनमें से करीब 95 फीसदी अच्छी तरह जापान की भाषा जानते या बोलते हैं। जिन लोगों को घर देने से मना किया जाता है उनमें से भी 90 फीसदी से यहां की भाषा को भलिभांति समझते हैं।
18500 में से 4252 लोगों ने भेदभाव स्वीकारा
सर्वे में 18500 विदेशी नागरिकों से संपर्क किया गया जिसमें 4252 लोगों ने भेदभाव की बात स्वीकार की। इनमें से लगभग आधी आबादी चीनी तथा कोरियाई है तथा जिसमें 40 फीसदी से अधिक लोग दस साल से अधिक समय से यहां रह रहे हैं।
वेतन भी मिलता है कम
इसी प्रकार नौकरी के संबंध में 2,788 लोगों से सर्वें के लिये संपर्क किया गया जिनमें से 20 फीसदी के करीब लोगों ने बताया कि वह पिछले पांच साल से नौकरी की तलाश कर रहे हैं, लेकिन एक ही प्रकार के काम के लिए जापान के नागरिकों के अलावा उन्हें कम वेतन दिया जाता है।
इनमें से 17 फीसदी लोगों ने कहा कि नागरिकता को लेकर नौकरी में पदोन्नति नहीं हो पाती है। तेरह फीसदी लोगों ने कहा कि जापानियों के मुकाबले उनकी हालत काफी खराब है।